नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने टीकरी बॉर्डर स्थित प्रदर्शन स्थल पर दिल्ली पुलिस की तरफ से लगाए गए कथित चेतावनी वाले पोस्टरों पर आपत्ति जताई है। हालांकि, पुलिस ने दावा किया कि ये पोस्टर नए नहीं हैं और इनमें प्रदर्शनकारियों को सिर्फ यह सूचित किया गया है कि उन्हें दिल्ली में प्रवेश की इजाजत नहीं दी जाएगी।
संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बयान में कहा कि वह दिल्ली पुलिस के कदम का विरोध करता है क्योंकि प्रदर्शनकारी अपने संवैधानिक अधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं और किसानों से शांतिपूर्वक अपना प्रदर्शन जारी रखने की अपील की। हजारों की संख्या में किसान करीब 90 दिनों से दिल्ली के तीन सीमाओं – सिंघु, टीकरी और गाजीपुर पर डटे हुए हैं और तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने और अपनी उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं। इन किसानों में से अधिकतर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से हैं।
मोर्चे ने एक बयान में कहा कि दिल्ली पुलिस ने टीकरी बॉर्डर के प्रदर्शन स्थल पर कुछ पोस्टर लगाए हैं जिसमें किसानों को चेतावनी दी गई है कि उन्हें यह इलाका खाली करना होगा। ये पोस्टर अप्रासंगिक हैं क्योंकि किसान अपने संवैधानिक अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं…।”
बयान में कहा गया कि हम इस तरह की धमकियों और चेतावनियों के जरिये प्रदर्शन को खत्म करने की साजिशों का विरोध करेंगे। पोस्टरों में पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों को इलाका खाली करने के लिए कोई समयसीमा नहीं दी है। वहीं दिल्ली पुलिस इसे नियमित प्रक्रिया बता रही है।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्रदर्शन शुरू होने पर सीमावर्ती इलाकों में यह पोस्टर चिपकाए गए थे। यह एक नियमित कवायद है। पुलिस ने पोस्टरों के जरिये उन्हें यह बताया है कि वे हरियाणा के न्यायाधिकार क्षेत्र में हैं और उन्हें गैरकानूनी तरीके से राजधानी में आने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
किसान संगठनों के आह्वान पर 26 जनवरी को आयोजित की गई ट्रैक्टर परेड के दौरान हजारों प्रदर्शनकारियों और पुलिस में हिंसक झड़प हुई थी। इस दौरान सैकड़ों पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।