चमोली स्थित तपोवन में आई आपदा के बाद सरकार पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है। एसडीआरएफ के जवानों ने ऋषिगंगा पर बनी झील के मुहाने को लगभग 30 से 35 फुट तक खोल दिया है। इससे झील में एकत्र पानी का बहाव तेज हो गया है।एसडीआरएफ समेत 17 सदस्यीय दल पिछले तीन दिनों से झील के पास कैंपिंग कर रहा है। वैज्ञानिक दल झील से उत्पन्न खतरे का आकलन कर जवानों को परामर्श दे रहे हैं। एसडीआरएफ के सेनानायक नवनीत भुल्लर ने बताया कि झील के मुहाने को और अधिक खोलने और सामान्य स्थिति लाने की कोशिश की जा रही है। झील के मुहाने को लगभग 35 फुट तक खोल दिया है।
इससे झील का पानी काफी मात्रा में डिस्चार्ज हो रहा है। उधर, एसडीआरएफ की डीआईजी रिधिम अग्रवाल के निर्देश पर एक दिन पहले क्यूडीए सिस्टम को हवाई मार्ग के माध्यम से सुरक्षित झील क्षेत्र में भेजा गया था। इसे सुरक्षित स्थान पर स्थापित कर दिया गया है, जिसके जरिए सोमवार को संबंधित क्षेत्र से लाइव वीडियो प्रसारण शुरू हो गया है। इसके जरिए जवान मौके से सचिवालय कंट्रोल रूम से भी संपर्क स्थापित कर रहे हैं।
झील में मिले दो अज्ञात शव: श्रीनगर। रैणी-तपोवन जल प्रलय के बाद लापता लोगों की तलाश कर रही एसडीआरएफ की टीम को श्रीनगर जल विद्युत परियोजना झील में दो अज्ञात लोगों के शव मिले है। कोतवाली निरीक्षक कीर्तिनगर कमल मोहन भंडारी ने बताया कि सोमवार को एसडीआरएफ की टीम ने एक शव को महर गांव के समीप श्रीनगर झील से बाहर निकाला निकाला है। मृतक की उम्र करीब 25 से 30वर्ष है। जबकि दूसरा शव झील के चैनल न.2में मिला है। मृतक की उम्र करीब 30 से 35 वर्ष के बीच है। दोनों शवों को शिनाख्त के लिए 72 घंटे तक बेस अस्पताल की मोर्चरी में रखा
गया है।
क्या है क्यूडीए
क्यूडीए एक प्रकार से नो सिगनल एरिया से संचार स्थापित करने की नवीनतम टेक्नोलॉजी है। इस प्रणाली में वीडियो कांफ्रेंसिंग और डेटा को भेजने के लिए 1.2 मीटर क्यूडीए वी सेट एंटिना टर्मिनल और 1.2 मीटर स्टेटिक वी सेट एंटीना टर्मिनल का उपयोग होता है। यह विभिन्न वी सेट टर्मिनल के साथ उपग्रह आधारित संचार स्थापित करने में मदद करता है।