बिहार का आम बजट सोमवार को विधानमंडल में पेश होने जा रहा है। उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद बतौर वित्तमंत्री अपना पहला बजट सदन के पटल पर रखेंगे। इससे पहले आज उस समय हंगामे की स्थिति उत्पन्न हो गई जब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव विधानसभा जाने के लिए अपने आवास से ट्रैक्टर पर सवार होकर निकले। हालांकि विधानसभा के बाहर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने तेजस्वी यादव को ट्रैक्टर के साथ अंदर जाने से रोक दिया। इसके बाद तेजस्वी ट्रैक्टर को बाहर छोड़ विधानसभा की कार्रवाई में शामिल होने के लिए अंदर गए।
इस दौरान मीडिया के साथ संक्षिप्त बातचीत में तेजस्वी ने कहा कि देश में किसान विरोधी सरकार है। इस सरकार ने ‘जय जवान-जय किसान’ के नारे को भूला दिया है। उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल की कीमतें आसमान छू रही है, आम आदमी की जेब काटी जा रही है।
बिहार बजट: स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा पर होगा फोकस
वित्तीय वर्ष 2021-22 के इस बजट का आकार करीब दो लाख 15 हजार करोड़ रुपए से अधिक रहने की संभावना है। जो कि गत वित्तीय वर्ष 2020-21 के दो लाख 11 हजार 761 करोड़ रुपए से अधिक है। बजट में जहां कोरोना महामारी के प्रभावों से उबरने के उपायों संग स्वास्थ्य सेवाओं पर फोकस रहेगा, वहीं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा भी मुख्य बिंदु होगा। बजट में सात निश्चय पार्ट-2 के जरिए आत्मनिर्भर बिहार के संकल्प को साकार करने और खासकर बिहार के गांवों की खुशहाली पर ध्यान दिए जाने की संभावना है।
बीते साल के बजट में गैर योजना मद में 105995 करोड़ और योजना मद में 107766 करोड़ था। इस बार गैर योजना मद के बढ़ोत्तरी की संभावना है। वहीं बजट के केंद्र में स्वस्थ बिहार की परिकल्पना दिखेगी। पीएमसीएच को विश्व प्रसिद्ध अस्पताल बनाने के लिए भी बजट में राशि का प्रावधान किया जाएगा। शिक्षा के सबसे बड़ा कंपोनेंट रहने की उम्मीद है, जिसमें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर सरकार का फोकस है।
इसके अलावा बजट में ग्रामीण विकास पर विशेष ध्यान दिए जाने की उम्मीद है। बिहार के गांव-पंचायतें चमकेंगे। ग्रामीण संपर्कता के साथ ही जल-जीवन-हरियाली के तहत हर खेत तक पानी पहुंचाने के सरकार के संकल्प की झलक बजट में दिखेगी।