नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों को एकजुट करने के लिए गुरुवार को हरियाणा में हिसार जिले के बालसमंद में हुई किसान महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि किसान पिछले 3 महीने से दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। सरकार सोचती है कि किसान 2 महीने के भीतर लौट आएंगे। हम नहीं लौटेंगे। हम अपनी फसलें काटेंगे और फिर कोलकाता की ओर मार्च करेंगे। कोलकाता जाने के लिए एक महीने के लिए अपने घर से दूर रहने के लिए तैयार रहें।
टिकैत ने कहा कि इनको लगता है कि फसल कटाई आ गई ये 1 महीने में चले जाएंगे। राजस्थान और पंजाब में फसल कटाई में 1 महीने का अंतर है। राजस्थान के किसान आएंगे और पंजाब वाले किसान अपनी फसल काटने चले जाएंगे।
टिकैत ने कृषि कानून रद्द नहीं होने तक घर वापस नहीं लौटने की बात दोहराते हुए कहा कि किसानों को इसके लिए अपनी खड़ी फसल के बलिदान के लिए भी तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को इस गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए कि कानूनों के खिलाफ आंदोलन खत्म हो जाएगा क्योंकि किसान अपनी फसल की कटाई के लिए घर चले जाएंगे।
इससे पहले हिसार के खरकपुनियों गांव में हुई महापंचायत को संबोधित करते हुए भाकियू नेता ने कहा कि आपको अपनी खड़ी फसल को आग ही क्यों न लगानी पड़े, आपको इसके लिए तैयार रहना चाहिए। सरकार को यह गलतफहमी नहीं होनी चाहिए कि किसान घर लौट जाएंगे। हम अपनी फसल की कटाई भी करेंगे और उसके साथ ही अपना प्रदर्शन भी जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि तब तक कोई घर वापसी नहीं होगी।
टिकैत ने आंदोलन का नेतृत्व कर रहे किसान संगठनों के अगले आह्वान के लिए तैयार रहने को कहा। उन्होंने कहा कि अपने ट्रैक्टरों में तेल भरवाकर उनका मुंह दिल्ली की ओर करके रखो। आपके लिए किसी भी वक्त चलने का आह्वान किया जा सकता है, जिसका निर्धारण कमेटी द्वारा किया जाएगा।
टिकैत ने कहा कि हरियाणा के बाद वे पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात समेत देश के अन्य हिस्सों में भी पंचायत करेंगे। उन्होंने कहा कि पहले जहां दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के लिए आह्वान किया गया था, वहीं अगली बार वे अपने कृषि उपकरणों के साथ दिल्ली जाएंगे।