रालोद और कांग्रेस के बाद अब आम आदमी पार्टी यूपी में किसान महापंचायत करेगी। पहली किसान महापंचायत मेरठ में 28 फरवरी को होगी। इस महापंचायत को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी संबोधित करेंगे। माना जा रहा है कि किसान महापंचायत के जरिये आम आदमी पार्टी यूपी के पंचायत चुनाव में अपनी दमदार एंट्री करेगी।
दिल्ली की सीमाओं पर ढाई महीने से भी ज्यादा समय से चल रहे किसान आंदोलन से 26 जनवरी तक राजनीतिक दलों ने दूरी बनाए रखी थी। 28 जनवरी को गाजीपुर बार्डर पर राकेश टिकैत के आंसुओं के बाद बदले माहौल ने राजनीतिक दलों का रुख किसानों की तरफ तेज कर दिया। इसी के बाद सबसे पहले रालोद ने विभिन्न जिलों में किसान महापंचायत की। इन महापंचायतों में बड़ी संख्या में किसानों की भीड़ उमड़ी। कांग्रेस की ओर से पिछले ही हफ्ते सहारनपुर में और सोमवार को बिजनौर में किसान महापंचायत की गई। दोनों महापंचायतों को कांग्रेस महासचिव और यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी ने संबोधित किया।
अब आम आदमी पार्टी की ओर से किसान महापंचायत करने की घोषणा की गई है। सोमवार को मेरठ में पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि तीनों कृषि कानून देश के किसानों और जनता के लिए नहीं है। यह कानून चंद पूंजीपतियों के लिए बनाया गया है। असीमित भंडारण की नीतियां केवल बड़े-बड़े पूंजीपतियों के लिए ही बनाई है। नरेंद्र मोदी के पूंजीपति कारोबारी बड़े बड़े गोदाम बनाएंगे और किसानों का अन्न, फल और सब्जियां उसमें रखेंगे। फिर उन्हें मुंहमांगी कीमत पर हम लोगों को बेचेंगे। जैसे आज पेट्रोल, गैस की कीमत तेजी से बढ़ रही है, उसी तरह अन्न, फल और सब्जियों की कीमत तेजी से बढ़ेगी। जमाखोरी के कारण तेजी से महंगाई बढ़ेगी। इसका असर आम जनता पर भी होगा। लोगों को समझना पड़ेगा कि यह कानून आम जनता के भी खिलाफ है।
संजय सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल पहले दिन से इस कानून के खिलाफ हैं। किसानों के आंदोलन में साथ देने के लिए ही हम लोग किसान महापंचायत करेंगे। इस महापंचायत में अरविंद केजरीवाल भी शामिल होंगे। मेरठ आंदोलनकारियों की धरती है। इसलिए आम आदमी पार्टी ने महापंचायत की शुरुआत 28 फरवरीसंजय सिंह ने कहा कि यह सरकार पूंजीपतियों की सरकार है। इसका सबूत इस बार का बजट भी है। इस देश को बेचने वाला बजट दिया गया है। रेल, तेल, खेल, सड़क, बिजली, पानी, बीपीसीएल, एफसीआई, कोल, एलआईसी, बैंक हर चीज बेचा जा रहा है। संजय सिंह ने कहा कि दो करोड़ रोजगार देने का वादा किया गया था। लेकिन रोजगार खत्म करने की योजना बनाई जा रही है। सभी सरकारी संपत्ति को बेचने पीएसयूआई को बेचने की योजना है। हिन्दुस्तान को नीलाम करने और बेचने वाला बजट आया है।