एक तरफ दिल्ली के बॉर्डर पर किसान कृषि कानूनों के विरोध में बैठे हैं तो दूसरे ओर आज भी किसान आत्महत्याएं कर रहे हैं। बिहार के रोहतास जिले से ऐसा ही आत्महत्या का एक मामला सामने आया है। बिहार में बिजली का बिल के कारण एक किसान ने आत्महत्या कर ली। पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि बिहार के रोहतास जिले के नौगैन गांव में अपने घर पर ही अपनी जान लेली।
बताया गा है कि इस घटना के बाद, किसान की 14 साल की बेटी ने भी कीटनाशक का सेवन करके अपनी जान लेनी की कोशिश की, लेकिन समय पर चिकित्सा सहायता मिलने के कारण उसे बचा लिया गया।
48 साल के मृतक किसान की छह बेटियां थीं, जिनमें से दो की शादी हो चुकी है।
किसान की पत्नी दरिगांव पुलिस स्टेशन में कहती हैं, “मेरे पति हमारी बाकी चार बेटियों की शादी के लिए पहले से ही चिंतित थे। बिजली के भारी बिल के कारण वह बहुत उदास थे और इसलिए शायह उन्होंने खुद की जान ले ली।”
वहीं स्टेशन हाउस अधिकारी (एसएचओ) उमेश कुमार ने कहा, किसान के पास पैतृक जमीन का एक छोटा सा टुकड़ा था, जिस पर वह सब्जियों की खेती करता था और एक इलेक्ट्रिक पंप सेट का इस्तेमाल करता था।
साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (SBPDCL) के कार्यकारी इंजीनियर प्रेम कुमार प्रवीण ने कहा कि किसान ने 2010 में बिजली कनेक्शन लिया था। उन्होंने 2014 में 10,000 रुपये, 2020 में 10,000 रुपये और फरवरी के पहले सप्ताह में 5,000 जमा किए थे और राशि में 23,000 रुपये अभी बकाया थे। लेकिन उसका कनेक्शन चल रहा था। इस राशि के लिए कोई अपना जीवन कैसे समाप्त कर सकता है?
रोहतास के जिला मजिस्ट्रेट धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि उन्होंने आगे की कार्रवाई के लिए कार्यकारी इंजीनियर से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।