कृषि कानूनों के खिलाफ यूपी गेट बार्डर पर जारी आंदोलन के 73 वें दिन सोमवार को किसानों ने आंदोलन स्थल पर स्मारक बनाने की घोषणा की है। किसानों का मानना है आंदोलन स्थल पर बना स्मारक किसानों को खेत-खलिहान और किसान के मुद्दो पर संघर्ष करने के लिए प्रेरित करेगा।
सोमवार को आंदोलन स्थल के मंच से भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने ऐलान किया कि यूपी गेट बार्डर स्थित किसान क्रांति गेट के पास आंदोलन स्मारक बनाया जाएगा। स्मारक में तिरंगा और किसान यूनियन का झंडा लगाया जाएगा। उनका कहना है स्मारक पर आज से दस साल बाद आने वाला व्यक्ति भी अपने खेतों से मिट्टी लाकर आंदोलन स्थल की मिट्टी में रखेगा। साथ ही यहां से मिट्टी ले जाकर अपने खेतों में बिखेरेगा। जिससे उसको उर्जा मिलती रहेगी। और वह किसानों के मुद्दे पर संघर्ष को तैयार रहेगा।
उन्होने कहा जब कभी भी किसान हित को लेकर राष्ट्रीय कार्यक्रम होंगे किसान राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा और किसान यूनियन के झंडे के पास आंदोलन स्थल के स्मारक पर पहुंचेंगे। स्मारक के निर्माण की बात कहते हुए राकेश टिकैत कहते है विश्व सहित देश के कई नदियों से आने वाले पवित्र जल को स्मारक बनाने के दौरान सीमेंट और कंक्रीट के साथ इस्तेमाल कर चुनाई कराई जाएगी। आंदोलन स्थल पर आने वाली मिट्टी को स्मारक के पास रखा जाएगा।
लंगर की सेवा देने वालों को किया सम्मानित
आंदोलन में पिछले दो महीने से सेवा देने वाले लोगों को सोमवार को गुरूद्वारा नानक मत्था से आए पदाधिकारियों ने सम्मानित किया। इस दौरान किसान नेता राकेश टिकैत और जगतार सिंह बाजवा को तलवार भेंट की गई है।
इंग्लैंड से पानी लेकर पहुंचे
किसान आंदोलन में सोमवार को रोहित अहलावत इंग्लैड की थेम्स नदी से पानी लेकर आंदोलन स्थल पर पहुंचे। साथ ही मध्य के नर्मदा नदी से जल लेकर किसान आए। वही आसपास के गांवो से आने वाली महिलाएं और किसान भी आंदोलन स्थल पर मिट्टी, पौधा और पानी लेकर पहुंच रहे है।
संत पहुंचे यूपी गेट, किसानों की मांग मानने की अपील
यूपी गेट बार्डर पर सोमवार को कई संत किसानों के आंदोलन में पहुंचे। काशी सुमेरू पीठ के जगतगुरु शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती महाराज के साथ कई संतों ने किसानों की मांग का समर्थन करते हुए सरकार से कृषि कानून वापस लेने की मांग की। उनके साथ स्वामी आर्यवेश, स्वामी नवीनानंद, महामंडलेश्वर भूपेंद्र गिरी, स्वामी विष्णु विनोदम, स्वामी ब्रजभूषण दास, योगी राकेश नाथ, स्वामी कैलाशानंद, स्वामी भजनाराम और आचार्य केशव देव के साथ आचार्य प्रमोद कृष्णम किसानों को समर्थन देने पहुंचे।सभी संतों ने केंद्र सरकार से अपील करते हुए कहा कि किसान लंबे समय से दिल्ली के बार्डरों पर बैठे हैं। सरकार को उनकी मांग पर विचार करते हुए कृषि कानूनों को वापस ले लेना चाहिए। वहीं, सोमवार को राजस्थान,हिमाचल प्रदेश,बिहार,हरियाणा और महाराष्ट्र से किसान आंदोलन में पहुंचे। हरियाणा स्थित चौटाला गांव से आए देश खाप के पदाधिकारियों ने पहुंच कर आंदोलन को सर्मथन दिया। साथ ही महाराष्ट्र सरकार के मंत्री असलम शेख ने मौके पर पहुंच कर किसानों के मांगो को माने जाने की बात कही।