बाहुबली मुख्तार अंसारी को उत्तरप्रदेश लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक याचिका दायर की गई है। सुप्रीम कोर्ट में यूपी सरकार की याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई। यूपी का कहना है कि उसके यहां एक दर्जन से ज़्यादा गंभीर मामलों में मुख्तार की पेशी होनी है लेकिन पंजाब पिछले 2 साल से उसे नहीं भेज रहा। पंजाब के हलफनामे के खिलाफ यूपी का जवाब रिकॉर्ड पर न होने के चलते सुनवाई फिलहाल 24 फरवरी तक टाल दी गई है।
सोमवार को पंजाब सरकार की तरफ से वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने यूपी की याचिका खारिज करने की मांग की तो मुख्तार अंसारी की तरफ से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने यूपी में दर्ज सभी मुकदमों को पंजाब ट्रांसफर करने की मांग की। इस पर कोर्ट ने कहा कि ट्रांसफर का मसला इस मामले से अलग है। उसकी सुनवाई साथ में नहीं की जा सकती।
यूपी सरकार ने याचिका में कहा है कि 2019 में एक मामूली केस में पेशी के लिए मुख्तार को यूपी की बांदा जेल से पंजाब के रोपड़ ले जाया गया था। तब से वह वहीं है। यूपी पुलिस की तमाम कोशिशों के बाद भी रोपड़ जेल सुपरिटेंडेंट उसे भेजने से मना करते रहे हैं। इस आनाकानी के चलते मुख्तार के ऊपर यूपी में चल रहे गंभीर मुकदमों की सुनवाई प्रभावित हो रही है।
पिछले हफ्ते पंजाब सरकार ने नया हलफनामा दायर कर कहा कि मुख्तार हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, पीठ के दर्द, त्वचा की एलर्जी और डिप्रेशन जैसी बीमारियों से जूझ रहा है। डॉक्टरों ने उसे आराम की सलाह दी है। इस वजह से अभी उसे यूपी नहीं भेजा जा सकता है। पंजाब सरकार ने अपने हलफनामे में यह भी कहा है कि इस मामले में उत्तरप्रदेश की तरफ से याचिका दाखिल करने का कोई आधार नहीं है। इसलिए यूपी की याचिका खारिज कर दी जाए।
यूपी सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पंजाब सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि एक कुख्यात गैंगस्टर को बचाने में पंजाब के ऐसी दिलचस्पी समझ से परे है। उसने कुछ इंतजाम करवा कर पंजाब में अपने खिलाफ एक एफआईआर दर्ज करवा ली। उसका लाभ उठाकर वह पंजाब सरकार का मेहमान बना बैठा है।