कांग्रेस पार्टी ने नाना पटोले को महाराष्ट्र कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया है। इसके अलावा शिवाजी राव मोगे, बसवराज पाटिल, मो. आरिफ नसीम खान, कुणाल रोहिदास पाटिल, चंद्रकांत हांडोरे और कुमारी प्रणती सुशील कुमार शिंदे को कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। कांग्रेस पार्टी ने दस उपाध्यक्षों की भी नियुक्ति की है।
पटोले महाराष्ट्र में भंडारा जिले से चार बार विधायक रह चुके हैं। 56 वर्षीय पटोले को कांग्रेस के गढ़ रहे विदर्भ क्षेत्र से एक आक्रामक नेता के रूप में देखा जाता है, जहां उन्हें बीजेपी की कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। पटोले ने गुरुवार को महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर पद से इस्तीफा दे दिया थे। इसके बाद से उन्हें महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष बनाए जाने के कयास लग रहे थे।
पटोले पार्टी नेतृत्व की पसंद के रूप में उभरे, क्योंकि वह राज्य इकाई का नेतृत्व करने के लिए पार्टी के शीर्ष अधिकारियों द्वारा विचार किए गए मापदंडों को पूरा करते हैं। प्रदेश अध्यक्ष पद की रेस में महाराष्ट्र के राहत और पुनर्वास मंत्री विजय वादीतिवार और राज्यसभा सांसद राजीव सातव भी शामिल थे। कांग्रेस नेतृत्व विदर्भ क्षेत्र से नया प्रदेश अध्यक्ष चुना, जो कि गैर-मराठी है।
कुणबी समुदाय के पटोले अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के अंतर्गत आते हैं। इस समुदाय ने 2019 के विधानसभा चुनावों में विदर्भ क्षेत्र के कई हिस्सों में कांग्रेस का समर्थन किया। यहां से कांग्रेस के चार-चार विधायक और एक सांसद हैं। पटोले किसानों के मुद्दों पर मुखर रहे हैं और किसानों के बीच कुछ सद्भावना रखते हैं। इसके अलावा, राज्य कांग्रेस के भीतर किसी भी स्थापित समूहों के प्रति उनकी निष्ठा नहीं होने के कारण उनका पक्ष मजबूत माना जा रहा है।
पटोले भंडारा जिले के सकोली से कांग्रेस के तीन बार विधायक रहे। उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और एनसीपी के प्रफुल्ल पटेल को भंडारा-गोंदिया सीट से हराया। 2017 में वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बोलने वाले पहले भाजपा सांसद के रूप में चर्चा में आए थे। उन्होंने इसके बाद पार्टी छोड़ दी और कांग्रेस में वापस आ गए। भाजपा से इस्तीफा देने के कुछ दिनों के भीतर ही पटोले को कांग्रेस में शामिल किया गया। उन्हें अखिल भारतीय किसान कांग्रेस, पार्टी की किसान शाखा के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया। 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में वह कांग्रेस पार्टी के टिकट पर विधायक बने। इसके बाद उन्हें विधानसभा अध्यक्ष बनाया गया।