ए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली के सिंघु, टीकरी, और गाजीपुर बॉर्डरों पर पिछले 70 दिन से चल रहे किसान आंदोलन की गूंज बुधवार को राज्यसभा में भी सुनाई दी। इस दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसानों के आंदोलन की वजह से दिल्ली और पड़ोसी राज्यों के लोगों को असुविधा हो रही है तथा उन्हें एवं सरकारी खजाने को आर्थिक नुकसान भी हो रहा है।
गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के काफिलों ने 26 जनवरी को बलपूर्वक दिल्ली आने की कोशिश की और इसके लिए उन्होंने पुलिस के बैरिकेड्स भी अपने ट्रैक्टरों की मदद से तोड़ डाले। रेड्डी ने कहा कि उन्होंने आक्रामक रुख अपनाया, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और लोकसेवकों को अपना दायित्व निर्वाह करने से रोकने के लिए आपराधिक बल का प्रयोग किया जिससे ड्यूटी पर तैनात कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।
गृह राज्य मंत्री ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने सूचित किया है कि राजधानी की गाजीपुर, चिल्ला, टीकरी और सिंघु सीमाएं किसानों के आंदोलन की वजह से बाधित हैं और इसकी वजह से दिल्ली और आसपास के राज्यों के लोगों को असुविधा हो रही है। किसी भी तरह के आंदोलन से लोगों को और सरकार को आर्थिक नुकसान होता है।
उन्होंने कहा कि किसानों और प्रदर्शनकारियों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया और कोरोना वायरस महामारी के बावजूद ये लोग बिना मास्क पहने बड़ी संख्या में एकत्र हुए। रेड्डी ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने जो किया उसके बाद दिल्ली पुलिस के पास भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस छोड़ने, वाटर कैनन का इस्तेमाल और हल्का बल प्रयोग करने के अलावा और कोई दूसरा विकल्प नहीं था।
उन्होंने इस बात से इनकार किया कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने किसानों के आंदोलन को मानवीय आधार पर सहयोग देने के कारण करीब 40 लोगों को समन जारी किया है। रेड्डी ने यह भी बताया कि किसानों की चिंता के समाधान के लिए सरकार ने किसान नेताओं के साथ 11 दौर की बातचीत की, लेकिन इसमें कोई हल नहीं निकल पाया।