वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से पेश किए गए बजट में एक बार फिर से मिडिल क्लास को मायूसी हाथ लगी है। इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं हुआ है और न ही निवेश पर छूट की सीमा बढ़ी है, लेकिन कुछ झटके जरूर लगे हैं। दूसरी तरफ मिडिल क्लास को दिए इन्हीं जख्मों से सरकार ने किसानों को मरहम लगाने की कोशिश की है। पेट्रोल, डीजल और सोने पर सरकार की ओर एग्रिकल्चर सेस लगाया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेट्रोल पर 2.5 रुपये और डीजल पर 4 रुपये कृषि सेस लगाने का प्रस्ताव बजट में पेश किया है। इसके अलावा सोने पर भी 2.5 पर्सेंट कृषि सेस लगेगा।
दरअसल सरकार ने सोने पर कस्टम ड्यूटी को 12.5 फीसदी से घटाकर 7.5 पर्सेंट कर दिया है। इस तरह से मिडिल क्लास को सोने के आयात पर टैक्स में 5 पर्सेंट की राहत मिलने वाली थी। लेकिन इस पर सरकार ने अलग से 2.5 पर्सेंट का कृषि सेस लगा दिया है। इस तरह सोने पर कस्टम ड्यूटी में मिली 5 पर्सेंट की राहत अब 2.5 पर्सेंट ही रह जाएगी। सरकार ने एग्रिकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डिवेलपमेंट सेस के जरिए किसानों को राहत देने की कोशिश की है। इस सेस के जरिए जुटाई गई रकम का किसानों और कृषि से जुड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर को तैयार करने में इस्तेमाल किया जाएगा।
वित्त मंत्री ने सेस का ऐलान करते हुए बजट भाषण के दौरान कहा, ‘इससे किसानों के लिए आजीविका के अवसर बढ़ेंगे। इसके लिए संसाधनों को बढ़ाने के लिए मैं कुछ निश्चित चीजों पर एग्रिकल्चर सेस लागू करने का प्रस्ताव रखती हूं।’ हालांकि वित्त मंत्री ने कहा कि हम इस दौरान यह सुनिश्चित करेंगे कि ज्यादातर चीजों की खरीद पर ग्राहकों पर अतिरिक्त बोझ न बढ़े।
पेट्रोल और डीजल पर सेस से ग्राहकों पर असर न पड़ने के बारे में बताते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि एक तरफ यह सेस लागू होगा तो दूसरी तरफ बेसिक एक्साइज ड्यूटी और स्पेशल अडिशनल एक्साइज ड्यूटी में कमी की जाएगी। इससे ग्राहकों पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा। इनके अलावा वित्त मंत्री ने शराब, पाम ऑइल, एप्पल, फर्टिलाइर्स, कॉटन समेत कई अन्य चीजों पर भी सेस लागू करने का फैसला लिया है।