केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों पर घमासान अभी थमता नजर नहीं आ रहा है। किसानों का धरना समाप्त कराने के लिए गुरुवार को दिनभर गाजीपुर बॉर्डर पर चले हाई वोल्टेज ड्रामा के बाद देर रात पुलिस को बैरंग ही लौटना पड़ा था। बीकेयू नेताओं के आह्वान पर गुरुवार देर रात पश्चिमी उत्तर प्रदेश से करीब 500 किसान धरनास्थल पर पहुंच गए हैं। यहां किसानों का विरोध प्रदर्शन अब भी जारी है। इस बीच राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के नेता जयंत चौधरी शुक्रवार सुबह बीकेयू प्रवक्ता राकेश टिकैत और अन्य किसानों से मिलने के लिए धरना स्थल पर पहुंचे हैं।
जयंत चौधरी ने कहा कि सरकार को किसानों की आवाज सुननी चाहिए और उनकी मांगें माननी चाहिए। आज संसद के बजट सत्र का पहला दिन है और ये मुद्दा संसद के अंदर भी उठना चाहिए। अगर सरकार पीछे हटती है तो इससे उनकी कमजोरी नहीं झलकेगी। प्रधानमंत्री सब विषयों पर बोलते हैं, किसान के बारे में भी बोल दें। जयंत चौधरी ने कहा कि वह किसानों के साथ खड़े हैं और हमेशा खड़े रहेंगे। किसान देश का अन्नदाता है। सरकार बल प्रयोग से किसानों की आवाज को दबा नहीं सकती है।
वहीं, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत हम प्रदर्शन स्थल खाली नहीं करेंगे, हम पहले अपने मुद्दों पर भारत सरकार से बात करेंगे। उसके बाद ही आगे निर्णय लिया जाएगा। मैं लोगों से शांति बनाए रखने का आग्रह करता हूं।
दूसरी तरफ सिंघु बॉर्डर पर डटे किसान मजदूर संघर्ष समिति के अध्यक्ष सतनाम सिंह पन्नू ने भी कहा कि सरकार जो भी करे हम सिंघु बॉर्डर नहीं छोड़ेंगे। जब तक कानून रद्द नहीं हो जाते और MSP पर नया कानून नहीं बन जाता हम यहां से नहीं जाएंगे।
गाजीपुर बॉर्डर पर धरना अब भी जारी
बता दें कि, गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हिंसा के मद्देनजर गाजियाबाद प्रशासन ने प्रदर्शनकारी किसानों को गुरुवार को आधी रात तक यूपी गेट खाली करने का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन किसान नेता राकेश टिकैत अपनी मांग पर अड़े रहे और कहा कि वह आत्महत्या कर लेंगे लेकिन आंदोलन समाप्त नहीं करेंगे। इसे देखते हुए दिल्ली की सीमा से लगे यूपी गेट पर टकराव की स्थिति के बीच भारी संख्या में सुरक्षा कर्मी तैनात कर दिए गए थे और प्रदर्शनस्थल बिजली-पानी भी काट दिए गए थे।
टिकैत ने भाजपा से अपनी जान को खतरा होने का दावा करते हुए उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि प्रदर्शन स्थल पर हथियारों से लैस गुंडों को धरनास्थल पर भेजा गया था। टिकैत ने कहा कि गाजीपुर बॉर्डर पर कोई हिंसा नहीं हुई है, लेकिन इसके बाद भी यूपी सरकार दमन की नीति का सहारा ले रही है। यह यूपी सरकार का चेहरा है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रदर्शन जारी रहेगा।
गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस की एफआईआर में नामजद नेताओं में से एक टिकैत ने कहा कि लाल किले की घटना की न्यायिक जांच होनी चाहिए।