संसद द्वारा पारित तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों का प्रदर्शन जारी है, जिसका नेतृत्व किसान नेता राकेश टिकैत कर रहे हैं। दो महीनों से जारी इस आंदोलन से कई किसान संगठनों ने खुद को अब अलग कर लिया है। उन्होंने ट्रैक्टर परेड के बाद लाल किले पर हुए हिंसा के बाद यह फैसला लिया है। हालांकि कुछ संगठनों का प्रदर्शन आज भी जारी है।
टीकरी, सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर पर जारी आंदोलन के दौरान आज हंगामे की खाबर सामने आई है। किसानों के इस प्रदर्शन का विरोध करने के लिए आज टीकरी बॉर्डर पर कुछ लोग पहुंचे। वे खुद को स्थानीय निवासी बता रहे थे। इसके बाद मौके पर हंगामा शुरू हो गया।
टीकरी, सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर पर जारी आंदोलन के दौरान आज हंगामे की खाबर सामने आई है। किसानों के इस प्रदर्शन का विरोध करने के लिए आज टीकरी बॉर्डर पर कुछ लोग पहुंचे। वे खुद को स्थानीय निवासी बता रहे थे। इसके बाद मौके पर हंगामा शुरू हो गया। सिंघु बॉर्डर पर स्थानीय लोग किसान आंदोलन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। लोग तिरंगे के अपमान को लेकर अपना गुस्सा जता रहे थे और वहां बैठे लोगों के खिलाफ धरना को खत्म करो के नारे लगा रहे हैं। ‘लोगों को काम करने दो, रास्ता खाली करो’ के नारे लग रहे थे। धरनास्थल से दिल्ली की सीमा में करीब तीन किलोमीटर तक के दायरे में पांच लेयर का सुरक्षा घेरा बनाया गया है। हर लेयर में अर्धसैनिक बल और स्थानीय पुलिस के जवानों की गई है तैनाती।