प्रयागराज में बैंक आफ इंडिया की धूमनगंज शाखा में हुए 4.25 करोड़ रुपये के गबन के मामले की जांच अब सीबीआई करेगी। प्रदेश सरकार के अनुरोध पर सीबीआई लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच ने इस संबंध में मुकदमा दर्ज कर लिया है। मुकदमे की विवेचना इंस्पेक्टर अनुराग यादव को सौंपी गई है।
सीबीआई ने बैंक के तत्कालीन करेंसी चेस्ट अधिकारी वशिष्ठ कुमार राम तथा दो निजी व्यक्तियों एसके मिश्रा व उनके पुत्र संजू मिश्रा के खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी, 406, 419, 420, 467 व 468 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। इन्हीं धाराओं के तहत प्रयागराज के धूमनगंज थाने में 20 मुकदमा दर्ज किया गया था। यह मुकदमा बैंक आफ इंडिया की धूमनगंज शाखा के प्रबंधक विवेक कुमार गुप्ता ने दर्ज कराया था।
शाखा प्रबंधक ने अपनी तहरीर में कहा था कि तीन जुलाई 2019 को करेंसी चेस्क के आंतरिक लेखा परीक्षण के दौरान 4.25 करोड़ रुपये के गबन का मामला पकड़ा गया। तत्कालीन करेंसी चेस्ट अधिकारी वशिष्ठ कुमार राम ने पहले यह कहा कि यह धनराशि ग्रामीण बैंक को दी गई है और अभी तक वहां से उसके एवज में कोई ट्रांसफर भुगतान (आरटीजीएस) प्राप्त नहीं हुआ है। जांच में यह तथ्य गलत पाया गया। बाद में उन्होंने स्वीकार किया कि निजी लाभ के लिए यह धनराशि उनके द्वारा एसके मिश्रा और उनके बेटे संजू मिश्रा को दी गई है। मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस इसकी जांच कर रही थी। बाद में 14 अगस्त 2020 को शासन के गृह विभाग ने इस मुकदमे की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश कर दी।