कोरोना का आखिर सच क्या है, यह चीनी की कोई साजिश है या फिर स्वत: फैली महामारी? इसका पता लगाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम चीन में है। चीन में कोरोना संक्रमण से जान गंवाने वाले एक शख्स के बेटे ने वुहान शहर पहुंची डब्ल्यूएचओ की टीम से मिलने की मांग की है, ताकि सच्चाई सबके सामने आ सके। यह टीम पूरी दुनिया में महामारी फैलाने वाले कोरोना के उत्पत्ति स्थल का पता लगाने पहुंची है।
इस पीड़ित शख्स ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के विशेषज्ञों की टीम को उन प्रभावित परिवारों से मिलना चाहिए, जिनका आरोप है कि चीन सरकार उनकी आवाज दबा रही है। चीन ने महीनों तक चली बातचीत के बाद डब्ल्यूएचओ की टीम को वुहान शहर आने की अनुमति दी है। वुहान से ही कोरोना वायरस संक्रमण की शुरुआत हुई थी। बीजिंग ने ऐसा कोई संकेत नहीं दिया कि इन विशेषज्ञों को साक्ष्य जुटाने या प्रभावित परिवारों से मिलने की अनुमति दी जाएगी। इसने सिर्फ इतना कहा है कि टीम चीनी वैज्ञानिकों के साथ विचारों का आदान-प्रदान कर सकती है।
डब्ल्यूएचओ की टीम से मिलने की मांग करने वाले झांग हाइ ने कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञ झूठ फैलाने का माध्यम नहीं बनेंगे। झांग के पिता की एक फरवरी 2020 को कोरोना वायरस संक्रमण से मौत हो गई थी। उन्होंने कहा, ‘हम लगातार सच की तलाश में हैं। यह एक आपराधिक कृत्य था और मैं नहीं चाहता कि डब्ल्यूएचओ की टीम इन आपराधिक कृत्यों पर पर्दा डालने के लिए चीन पहुंची हो।’
चीन के विदेश मंत्रालय ने टिप्पणी के लिए किए गए आग्रह पर तत्काल कोई जवाब नहीं दिया है। डब्ल्यूएचओ की टीम 14 जनवरी को वुहान पहुंची और इसके 14 दिन का पृथकवास पूरा करने के बाद अपना काम शुरू करने की उम्मीद है। वुहान में कई ऐसे पीड़ित परिवार के लोग हैं जो अधिकारियों और वुहान सरकार पर एक्शन चाहते हैं और जिम्मेदारी तय करने की मांग कर रहे हैं।