दिल्ली-एनसीआर के शहरों समेत उत्तर भारत में घने कोहरे और सर्दी का सितम लगातार जारी है। मौसम विभाग ने अगले दो दिन में एक बार से फिर दिल्ली में ‘कोल्ड अटैक’ की आशंका जताई है। दिल्ली में शनिवार को न्यूनतम तापमान आठ डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि कोहरे की वजह से कुछ हिस्सों में दृश्यता का स्तर गिरकर 300 मीटर तक पहुंच गया।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के एक अधिकारी ने बताया कि पश्चिमी हिमालय क्षेत्र को प्रभावित करने वाले ताजा पश्चिमी विक्षोभ की वजह से ठंड से थोड़ी राहत मिली है। राजधानी में पूर्वी हवाओं और बादल छाए रहने की वजह से न्यूनतम तापमान बढ़कर आठ डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
दिल्ली में सोमवार को फिर चार डिग्री तक गिरेगा पारा
आईएमडी के क्षेत्रीय पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि बर्फ से ढके पश्चिमी हिमालय से बह रही उत्तर-पश्चिमी हवाओं की तुलना में पूर्वी हवाएं कम ठंडी हैं। वहीं बादल की वजह से कुछ अवरक्त किरणों के वापस धरती की तरफ लौटने से न्यूनतम तापमाम में बढ़ोतरी हुई है। श्रीवास्तव ने बताया कि सोमवार को दिल्ली में न्यूनतम तापमान फिर एक बार घटकर चार डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाएगा।
उन्होंने कहा कि पश्चिमी विक्षोभ की वजह से जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी होगी। बर्फ से ढके पहाड़ों से बहने वाली सर्द, शुष्क हवाओं की वजह से सोमवार तक न्यूनतम तापमान चार डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाएगा।
घने कोहरे के कारण दिल्ली आने वाली 16 ट्रेनें लेट
उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) ने कहा कि हावड़ा-नई दिल्ली स्पेशल और सहरसा-नई दिल्ली स्पेशल सहित, शनिवार को सोलह ट्रेनें लो विजिबिलिटी और अन्य परिचालन कारणों से देरी से चल रही हैं।
आईएमडी के अनुसार, उत्तर भारत के शहरों में घने कोहरे की स्थिति के कारण विजिबिलिटी काफी कम देखी जा रही है। शनिवार सुबह साढ़े छह बजे पालम में विजिबिलिटी 300 मीटर थी। शनिवार सुबह साढ़े छह बजे लखनऊ में विजिबिलटी स्तर 150 मीटर दर्ज किया गया, जबकि गोरखपुर में 0-25 मीटर तक है। गुवाहटी, अगरतला, कोलकाता, गया और ग्वालियर में प्रत्येक में 50 मीटर की विजिबिलटी दर्ज की गई।
वायु गुणवत्ता की निगरानी करने वाली प्रणाली SAFAR के अनुसार, दिल्ली में एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI) ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बना हुआ है, हालांकि, ताजा पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव में सतह की हवाओं के कारण कल तक इसमें सुधार होने की संभावना है।