आगामी गणतंत्र दिवस 2021 परेड के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने तैयारियां तेज कर दी हैं। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के ज्वाइंट कमिश्नर मनीष अग्रवाल ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रैफिक एडवाइजरी जारी करते हुए इन तैयारियों के बारे में जानकारी दी
ज्वाइंट कमिश्नर ने कहा कि गणतंत्र दिवस की फुल ड्रेस रिहर्सल के मद्देजनर राजधानी दिल्ली में 23 जनवरी को विजय चौक, रफी मार्ग, जनपथ, मानसिंह रोड पर ट्रैफिक को अनुमति नहीं होगी। मेरी लोगों से अपील है कि 23 जनवरी की सुबह जब भी घर से निकलें तो ट्रैफिक एडवाइजरी को जरूर ध्यान में रखें। मनीष अग्रवाल ने कहा कि 26 जनवरी को सुबह 4 बजे से नेताजी सुभाष मार्ग को भी बंद कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि 23 जनवरी को केंद्रीय सचिवालय और उद्योग भवन मेट्रो स्टेशन को सुबह 5 बजे से दोपहर 12 तक बोर्डिंग और डिबोर्डिंग के लिए बंद कर दिया जाएगा।
गणतंत्र दिवस परेड का रूट होगा छोटा
मनीष अग्रवाल ने कहा कि गणतंत्र दिवस परेड का रूट इस बार छोटा कर दिया गया है और आमंत्रित मेहमानों की संख्या कम हो गई है। COVID-19 प्रोटोकॉल बनाए रखने के लिए मेडिकल टीमों को तैनात किया जाएगा और टिकट या निमंत्रण पत्र के बिना किसी को भी प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
किसानों की प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली पर बोलते हुए ज्वाइंट कमिश्नर ने कहा कि गणतंत्र दिवस परेड को बिना किसी व्यवधान के कराना हमारा कर्तव्य है और हम इसके लिए प्रतिबद्ध हैं। हम अभी किसी विशेष उपाय की बात नहीं कर सकते। हम किसानों के साथ बात कर रहे हैं, उम्मीद है जल्द ही कोई समाधान निकलेगा।
ट्रैक्टर रैली को अनुमति देने से दिल्ली पुलिस ने किया इनकार
गौरतलब है कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ गणतंत्र दिवस पर किसानों की ओर से प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली के संदर्भ में दिल्ली पुलिस और किसान संगठनों के बीच गुरुवार को सिंघु बॉर्डर के निकट मंत्रम रिजॉर्ट में हुई बैठक बेनतीजा खत्म हो गई। संयुक्त पुलिस आयुक्त (उत्तरी क्षेत्र) एस.एस. यादव इस बैठक का समन्वय कर रहे थे।
बैठक के बाद क्रांतिकारी किसान यूनियन के नेता दर्शन पाल ने कहा कि दिल्ली सरकार के आउटर रिंग रोड पर सुरक्षा कारणों से गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड का आयोजन नहीं किया जा सकता है। हम स्पष्ट हैं कि हम केवल वहीं ट्रैक्टर परेड करेंगे। केंद्र के साथ कल की बैठक के बाद, हम पुलिस के साथ एक और बैठक करेंगे।
उल्लेखनीय है कि नए कृषि कानूनों को रद्द कराने की मांग पर अड़े हजारों की संख्या में किसान दिल्ली की सीमाओं पर पिछले करीब दो महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी किसानों का आरोप है कि इन कानूनों से मंडी व्यवस्था और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद की प्रणाली समाप्त हो जाएगी और किसानों को बड़े कॉरपोरेट घरानों की कृपा पर रहना पड़ेगा। हालांकि, सरकार इन आशंकाओं को खारिज कर चुकी है।