नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर पिछली साल उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़के साम्प्रदायिक दंगों की साजिश के मुख्य आरोपी माने जा रहे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद, शरजील इमाम व पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन की न्यायिक हिरासत अवधि समाप्त होने के बाद अदालत में पेश किया गया। अदालत ने इन तीनों आरोपियों की न्यायिक हिरासत अवधि 2 फरवरी तक के लिए बढ़ा दी है।
इन तीनों आरोपियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कड़कड़डूमा कोर्ट में पेश किया गया। अदालत ने तीनों आरोपियों की न्यायिक हिरासत अवधि बढ़ाते हुए कहा कि आरोपियों की न्यायिक हिरासत अवधि 14 दिन के लिए बढ़ाई जा रही है। इस मामले में आरोपी उमर खालिद व शरजील इमाम जेएनयू के पूर्व छात्र हैं, वहीं ताहिर हुसैन उत्तर-पूर्वी दिल्ली के नेहरू विहार इलाके से दंगों के समय पार्षद थे। आम आदमी पार्टी ने दंगों में आरोपी बनाए जाने के बाद ताहिर हुसैन को पार्टी से निलंबित कर दिया है।
इस मामले में ताहिर हुसैन पर सबसे पहला मुकदमा खुफिया विभाग के कर्मचारी अंकित शर्मा की हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ था। इसके बाद हुसैन पर दंगों से संबंधित कई सारे मामले दर्ज किए गए हैं। ताहिर हुसैन के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय भी मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रहा है। पुलिस का कहना है कि ताहिर हुसैन के खाते में कई कंपनियों के नाम से एक करोड़ रुपये के करीब की रकम जमा कराई गई। पुलिस का दावा है कि यह रकम उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगा भड़काने के लिए हुसैन पहुंची थी।
वहीं खालिद व शरजील इमाम पर इन दंगों की साजिश रचने का आरोप है। पुलिस का कहना है कि दंगों से पहले 8 जनवरी 2020 को खालिद ने ताहिर हुसैन व अन्य से शाहीन बाग इलाके में मुलाकात कर दंगों की साजिश रची। इसके लिए पहले से तैयार रहने की योजना भी बनाई गई।
ज्ञात रहे कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 23 फरवरी 2020 से 26 फरवरी 2020 के बीच भड़के साम्प्रदायिक दंगों में 53 बेकसूर लोगों की जान चली गई थी, जबकि दो सौ से ज्यादा लोग गंभीर रूप से जख्मी हुए थे।