जदयू अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने राजद नेता तेजस्वी यादव पर पलटवार करते हुए कहा है कि बिहार में लॉ एंड आर्डर का हाल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार देख रहे हैं। किसी की भी हत्या दुखद है, यह नहीं होना चाहिए। बिहार में क्राइम राष्ट्रीय औसत से काफी कम है। बता दें कि तेजस्वी यादव ने पिछले दिनों बिहार में लगातार बढ़ रहे अपराध को लेकर सीएम नीतीश को एक चिट्ठी लिखी थी, जिसको लेकर आरसीपी ने नेता विपक्ष को जवाब दिया है।
आरसीपी ने सवाल किया कि उनके (तेजस्वी) पास पास बोर्ड की डिग्री नहीं तो उनकी चिट्टी कौन लिख रहा है। किससे चिट्ठी लिखवा रहें हैं। यदि उन्हें कुछ देना है तो वे बिहार में विकास को लेकर सुझाव दे। हमारी सरकार उनकी मांगों पर विचार करेगी।
जदयू अध्यक्ष ने आगे कहा है कि हम लोग बिहार पुलिस पर भरोसा करत हैं और सूबे की पुलिस ने हर मामले का खुलासा किया है। आरसीपी सिंह ने आगे कहा कि तेजस्वी पहले अपने माता-पिता (लालू प्रसाद और राबड़ी देवी) के कार्यकाल को देखे। कितने नरसंहार हुए। अब यह सब कैसेट बजना बन्द करना चाहिए।
‘लॉ एंड ऑर्डर न सुधरा तो राष्ट्रपति के सामने परेड’
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने राज्य की कानून व्यवस्था को लेकर सोमवार को राज्यपाल फागू चौहान से मुलाकात की। उन्हें ज्ञापन सौंपते हुए राज्य सरकार को बर्खास्त करने की अनुशंसा राष्ट्रपति से करने की मांग की। राज्यपाल से मुलाकात के बाद तेजस्वी ने आरोप लगाया कि सड़क छोड़िए अब तो लोगों को घर में भी डर लगने लगा है। कहा कि सरकार के पास लॉ एंड ऑर्डर ठीक करने के लिए एक महीना का समय है। वरना महागठबंधन के सारे विधायक राष्ट्रपति के सामने परेड करेंगे। आरोप लगाया कि पांच-छह दिन बीत जाने पर भी रूपेश हत्याकांड में पुलिस के हाथ खाली हैं। सवाल किया कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड की तरह पुलिस दोषियों को बचाने का काम तो नहीं कर रही। कहा कि अपराध से पूरे बिहार के लोग सहमे हुए हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री कानून व्यवस्था के सवाल पर 2005 से पहले के शासन का हवाला देते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार पुलिस की आधिकारिक वेबसाइट पर 2004 में अपराध के कुल एक लाख 15 हजार 216 मामले दर्ज हुए थे, जबकि इनके शासनकाल के 15 वर्षों बाद अर्थात 2019 में अपराध के आंकड़े बढ़कर दो लाख 69 हजार 96 हो गए हैं। उन्होंने कहा कि एनसीआरबी के आंकड़े भी बिहार में कानून व्यवस्था की बदहाल स्थिति की गवाही दे रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष ने रूपेश हत्याकांड में कुछ बड़े लोगों के शामिल होने की आशंका जताई। आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री जितनी समीक्षा बैठकें कर रहे हैं, उतना ही क्राइम का ग्राफ बढ़ रहा है।