ब्रिटेन की अदालत में भगौड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई पूरी हो चुकी है। उम्मीद है कि ब्रिटेन की अदालत नीरव मोदी के भारत भेजने को लेकर अगले महीने की 25 तारीख को अपना फैसला सुनाएगी। नीरव मोदी के भारत को प्रत्यर्पण मामले में ब्रिटेन की अदालत में अंतिम सुनवाई में बताया गया कि भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी एक पोंजी जैसी योजना की देखरेख कर रहा था जिसकी वजह से भारत के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ भारी धोखाधड़ी हुई।
मामले में ब्रिटेन की क्राउन अभियोजन सेवा (सीपीएस) भारतीय प्राधिकरण की ओर से बहस कर रही थी। सीपीएस का जोर पहली नजर में धोखाधड़ी के मामले में पर है। इसके साथ ही मनी लांड्रिंग का मामले पर भी जोर दिया जा रहा है ताकि मामले में न्याय हासिल किया जा सके। मामले में दो दिन की सुनवाई के दूसरे दिन यह कहा गया।
नीरव मोदी ने दक्षिण- पश्चिम लंदन स्थित वैंड्सवर्थ जेल से वीडियो लिंक के जरिए इस सुनवाई में भाग लिया। जिला न्यायधीश सैमुएल गूजी ने मामले में सबूतों को देखा। ये सबूत इस मामले में पिछले साल हुई कई सुनवाइयों के दौरान पहले ही लंदन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किए गए थे।
बता दें कि भारत में एक विशेष अदालत ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाला मामले में भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी की बहन पूर्वी मोदी को सरकारी गवाह यानी अभियोजन पक्ष का गवाह बनाने की अनुमति दे दी है। मनी लांड्रिंग निरोधक कानून (पीएमएलए) के तहत मामलों को देखने वाले विशेष न्यायाधीश वी सी बर्डे ने सोमवार को सरकरी गवाह बनने को लेकर पूर्वी द्वारा दिए गए आवेदन को स्वीकार कर लिया। आदेश मंगलवार को उपलब्ध कराया गया।