भारतीय सेना से रिटायर फौजी सौरभ शर्मा पर पिछले छह साल से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी (आईएसआई) को गोपनीय सूचनाएं भेजने का आरोप है। सौरभ व उसकी पत्नी पूजा के खाते में कई बार गुजरात से पैसा आने की पुष्टि हुई है। दोनों के बैंक खाते खंगाले जा रहे हैं। कल प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने सेना की गोपनीय सूचनाएं आईएसआई को देने के आरोप में पूर्व सैनिक सौरभ शर्मा को गिरफ्तार किया था। हापुड़ निवासी सौरभ को पूछताछ के लिए लखनऊ स्थित एटीएस मुख्यालय पर बुलाया गया था। अपराध स्वीकार कर लेने पर उसे गिरफ्तार किया गया। इसके साथ ही उसके एक अन्य सहयोगी अनस गितैली को गुजरात के गोधरा से गिरफ्तार किया गया है।
एटीएस सूत्रों ने बताया, हापुड़ में बिहूनी गांव निवासी सौरभ शर्मा की वर्ष-2014 में दोस्ती फेसबुक पर एक पीआईओ (पाकिस्तानी इंटेलिजेंस ऑर्गेनाइजेशन) महिला से हुई। उसने खुद को डिफेंस जर्नलिस्ट बताया। दोनों में चैटिंग बढ़ती चली गई। कुछ दिन बाद कथित जर्नलिस्ट ने सौरभ से कहा कि वह सेना पर एक स्टोरी करना चाहती है। उसे कुछ मदद चाहिए। इसके बदले उसने सौरभ से सेना के कुछ फोटो, वीडियो और अन्य जानकारी हासिल कर ली। वर्ष-2016 में सौरभ पूरी तरह आईएसआई के संपर्क में आ गया। इसके बाद सौरभ और उसकी पत्नी पूजा के खाते में कई बार रकम आई। पूजा मेरठ में रुड़की रोड पर हरी अपार्टमेंट की रहने वाली है। सौरभ का हैंडलर गुजरात में गोधरा का अनस गितैली है, वह भी गिरफ्तार हुआ है। दोनों की बातचीत वर्ष-2018 में शुरू हुई थी। अनस ही सौरभ से जानकारी लेकर पैसा ट्रांसफर करने तक का काम करता था। बैंक खाते में लगातार पैसे आने और सोशल मीडिया अकाउंट पर संदिग्ध लोगों के संपर्क में रहने से सौरभ एटीएस के टारगेट पर आ गया। पिछले एक महीने से उस पर नजर रखी जा रही थी। पन्द्रह दिन पहले भी उसे पूछताछ के लिए बुलाया गया, लेकिन बातचीत के बाद छोड़ दिया गया। शुक्रवार दोपहर करीब दो बजे उसकी गिरफ्तारी कर ली गई। सौरभ की पत्नी पूजा को इस बारे में कितनी जानकारी है, इसकी छानबीन एटीएस कर रही है।
नौसेना की सूचनाएं लीक करने वाले इमरान से सौरभ तक पहुंची एजेंसियां
हापुड़ जिले का पूर्व फौजी सौरभ शर्मा गुजरात के जिस हैंडलर अनस गितैली से संपर्क में था, उसका भाई इमरान गितैली भी जासूसी में पिछले साल पकड़ा जा चुका है। इमरान के जरिये ही सुरक्षा एजेंसियां अनस और फिर सौरभ तक पहुंचीं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 14 सितंबर 2020 को 37 वर्षीय इमरान गितैली को गिरफ्तार किया था। एनआईए के प्रेस नोट के अनुसार, इमरान और अन्य लोगों ने भारतीय नौसेना के जहाजों, पनडुब्बी, स्थानों और मूवमेंट के संबंध में जानकारी जुटाई और आईएसआई को भेजी। इमरान जैसे कुछ जासूस कुछ नौसेना कर्मियों के संपर्क में आए थे। फेसबुक, व्हाट्सएप के जरिये बातचीत शुरू हुई और सूचनाओं का आदान-प्रदान हुआ। इस जासूसी में 14 आरोपियों के खिलाफ 15 जून 2020 को एनआईए आरोप पत्र दायर कर चुका है।
एनआईए की जांच में यह भी पता चला कि इमरान गितैली सीधे तौर पर पाकिस्तान से जुड़ा हुआ था। सीमा पार कपड़ा बेचने की आड़ में वह आईएसआई के लोगों से मिलता था। इमरान गितैली के बैंक खाते, फोन कॉल डिटेल्स की जांच आगे बढ़ी तो सुरक्षा एजेंसियां उसके भाई अनस गितैली तक पहुंचीं। अनस गितैली से होते हुए जांच की आंच हापुड़ के पूर्व फौजी सौरभ शर्मा तक आई। इसके बाद सौरभ व अनस को एटीएस ने गिरफ्तार कर लिया।
बैंक खाते में आए पैसे, महीनों से गांव पर थी एटीएस की निगाह
गढ़़मुक्तेश्वर तहसील मुख्यालय से करीब 12 किमी दूर बसे गांव बिहुनी में रहने वाला सेना का पूर्व जवान सौरभ पाकिस्तान का जासूस निकला। एटीएम की टीम ने गांव से पहुंचकर उसकी गिरफ्तारी कर ली। परंतु गांव में किसी को भनक तक नहीं लग पाई। हालांकि बाद में मां ने बताया कि एक बार धोखे से पाकिस्तान से किसी ने बेटे के अकाउंट में पैसे डाल दिए थे। सीधासादा दिखने वाला सौरभ अपने पिता के देहांत के बाद परिवार को पाल रहा था। उसकी 2013 में भारतीय सेना में नौकरी लग गई। फिर वर्ष 2020 के मई माह में वह नौकरी छोड़ आया। लॉकडाउन के दौरान ही वह दिल्ली पहुंच गया। दिल्ली से बिहुनी आने के लिए गांव वालों ने ही प्रशासन से परमीशन ली। लॉकडाउन के बाद वह वापस नहीं गया तो ग्रामीणों में चर्चा रही कि शायद नौकरी छोड़ दी है। हालांकि कुछ समय बाद एटीएस वाले सौरभ के यहां आने जाने शुरू हो गए थे। ग्रामीणों के अनुसार सौरभ का पत्नी को लेकर भी विवाद चल रहा था। जिसमें गांव वालों को लगता था कि पत्नी ने पुलिस भेज दी है। जनवरी में दो बार एटीएस की टीम पहुंची तो भी यही जानकारी मिली थी, कि पत्नी के विवाद में ही पुलिस आई है।
सुबह हुआ गिरफ्तार, गांव को बाद में पता चला
एटीएस शुक्रवार की सुबह गांव से सौरभ को गिरफ्तार कर ले गई। लेकिन गांव वालों को इसकी भनक तक नहीं लगी। लखनऊ से समाचार आने के बाद भी गांव वाले यह नहीं खोज पाए कि बिहुनी में कौन है सेना का पूर्व जवान पाक का जासूस है। दोपहर बाद पता चल पाया, कि सौरभ है।
तो एक बार आए थे पाक से पैसे
दोपहर बाद जब ग्रामीण और मीडिया ने घर पर जाकर मां से जानकारी ली तो उन्होंने कहा कि बेटा गलत नहीं है। फौजी उसको परेशान कर रहे हैं। एक बार किसी ने धोखे से उसके बैंक अकाउंट में 60 हजार रुपये डाल दिए थे। जिसकी सूचना बेटे ने ही एटीएस को दी थी। पैसे वापस भेज दिए गए थे। ग्रामीणों की मानें तो महीनों से सिविल वर्दी में पुलिस का आना जाना था। वहीं एटीएस चुपके से गांव के बाहर ही कार खड़ी करके गांव में आती थी। एक सकरी गली में सौरभ का मकान है। जहां से पूछताछ कर चली जाती थी। इस लिए गांव वालों को पता ही नहीं चल रहा था। बताया जा रहा है कि सौरभ को पहले भी एटीएस की टीम उठाकर ले गई थी। परंतु पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया था। इसलिए परिवार वालों का मानना है कि उनका बेटा निर्दोष है। अगर वह पाक जासूस होता तो भाग जाता।