संदेहास्पद स्थिति में 23 वर्षीय बेटे की मौत के मामले में निष्पक्ष जांच के लिए एक व्यक्ति ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है। इस पिता ने अदालत से गुहार लगाते हुए कहा कि वह एक गरीब आदमी है और गरीब पिता का देश में कोई वजूद नहीं है। इस व्यक्ति ने अदालत से बेटे की मौत के मामले की प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश देने का आग्रह किया है। अदालत ने इस याचिका पर पुलिस से रिपोर्ट तलब की है।
कड़कड़डूमा स्थिति मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पंकज अरोड़ा की अदालत ने संबंधित थाना प्रमुख से इस मामले में जांच रिपोर्ट तलब करते हुए कहा है कि यह बताया जाए कि याचिका दाखिल करने वाले व्यक्ति ने पुलिस को कोई शिकायत दी थी। यदि दी थी तो बताएं कि पुलिस ने उस पर क्या कार्रवाई की और शिकायत को सही पाने के बाद उस पर आगे क्या कदम उठाए। अदालत ने यह भी पूछा की पुलिस जांच में आरोपियों के खिलाफ संज्ञानीय अपराध का मामला सामने आया या नहीं। यदि आया तो मुकदमा दर्ज क्यों नहीं किया गया।
पेश मामले में दाखिल याचिका में कहा गया है कि ऑटो रिक्शा चालक विवेक नवंबर 2020 से लापता था। 23 वर्षीय विवेक का शव पांच नवंबर को दिल्ली जल बोर्ड के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में मिला था। लेकिन पुलिस ने इस मामले में शिकायत मिलने के बावजूद अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की है। रामेश्वर दयाल ने अपने बेटे की मौत को संदेहास्पद बताते हुए अदालत में याचिका दाखिल की है। रामेश्वर दयाल का कहना है कि उनकी बेटे की मौत रहस्य बनी हुई है। लेकिन पुलिस कोई जांच या कार्रवाई को तैयार नहीं है। पुलिस को इस बाबत शिकायत दी गई। इसके बाद से वह लगातार अशोक नगर थाने के चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन पुलिस उनकी एक नहीं सुन रही। परेशान होकर उन्होंने अदालत की शरण ली है।