किसानों की ट्रैक्टर रैली से पहले गुरुवार सुबह राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान अलग-अलग जगहों पर रैली निकाल रहे हैं। मौसम ठीक नहीं रहने के पूर्वानुमान के बाद किसानों ने छह जनवरी के बजाय 07 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकालने की घोषणा की थी। पिछले चार दिनों में शहर में बारिश हुई थी।
भीषण ठंड, बारिश के बावजूद पंजाब, हरियाणा और देश के कुछ अन्य भागों के हजारों किसान पिछले 40 दिनों से ज्यादा समय से दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर डटे हुए हैं। किसान कृषि कानूनों को निरस्त करने, फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी देने तथा दो अन्य मुद्दों को लेकर प्रदर्शन कर रहे
प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच सोमवार को हुई बैठक बेनतीजा रही थी क्योंकि किसान तीनों कानूनों को निरस्त करने की अपनी मांग पर डटे हुए हैं।
राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के आने के बाद से दिल्ली ट्रैफिक पुलिस अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से शहर में सड़कों के बंद होने के बारे में लोगों को लगातार सूचनाएं दे रही है।
सिलसिलेवार ट्वीट में ट्रैफिक पुलिस ने कहा कि सिंघु, औचंदी, प्याऊ मनियारी, सबोली और मंगेश बॉर्डर ट्रैफिक के लिए बंद है। ट्रैफिक पुलिस ने कहा कि किसानों के प्रदर्शन के कारण चिल्ला और गाजीपुर बॉर्डर बंद हैं। नोएडा और गाजियाबाद से दिल्ली आने के लिए आनंद विहार, डीएनडी, भोपुरा और लोनी बॉर्डर जैसे वैकल्पिक मार्ग का इस्तेमाल करें।
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने निकाली ट्रैक्टर रैली
कड़ी सुरक्षा के बीच हजारों किसानों ने बृहस्पतिवार को तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन स्थल-सिंघू, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर से ट्रैक्टर रैली निकाली। भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) के प्रमुख जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि 3500 से ज्यादा ट्रैक्टरों और ट्रॉलियों के साथ किसान मार्च में हिस्सा ले रहे हैं। प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने कहा कि 26 जनवरी को हरियाणा, पंजाब और उत्तरप्रदेश के विभिन्न हिस्सों से राष्ट्रीय राजधानी में आने वाले ट्रैक्टरों की प्रस्तावित परेड के पहले यह रिहर्सल की तरह है।
दिल्ली पुलिस और हरियाणा पुलिस के कर्मियों की भारी तैनाती के बीच ट्रैक्टर पर सवार किसानों ने कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे की ओर मार्च शुरू किया। भाकियू नेता राकेश टिकैत की अगुवाई में ट्रैक्टर मार्च पलवल की तरफ बढ़ा है।
संयुक्त किसान मोर्चा के एक वरिष्ठ सदस्य अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि आगामी दिनों में हम तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ अपना आंदोलन तेज करेंगे। आज के मार्च में हरियाणा से करीब 2500 ट्रैक्टर आए हैं। उन्होंने कहा कि हम आगाह करना चाहते हैं कि अगर सरकार हमारी मांगें स्वीकार नहीं करेगी तो किसानों का प्रदर्शन आगे और तेज होगा। सिंघु से टिकरी बॉर्डर, टिकरी से कुंडली, गाजीपुर से पलवल और रेवासन से पलवल की तरफ ट्रैक्टर रैलियां निकाली गई है।
भीषण ठंड, बारिश के बावजूद पंजाब, हरियाणा और देश के कुछ अन्य भागों के हजारों किसान 43वें दिन भी दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर डटे हुए हैं। किसान कृषि कानूनों को निरस्त करने, फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी देने तथा दो अन्य मुद्दों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच सोमवार को सातवें दौर की बैठक बेनतीजा रही थी क्योंकि किसान तीनों कानूनों को निरस्त करने की अपनी मांग पर डटे हुए हैं।