राजस्थान सरकार ने रिश्वतकांड में गिरफ्तार हुए बारां जिले के पूर्व कलेक्टर आईएएस इंद्रसिंह राव को निलंबित कर दिया। कार्मिक विभाग ने यह आदेश 4 जनवरी को देर रात जारी किया। इसके मुताबिक, आईएएस इंद्रसिंह का निलंबन 23 दिसंबर से माना जाएगा।
कार्मिक विभाग के आदेश के मुताबिक, इंद्रसिंह राव को एसीबी में दर्ज रिश्वत केस में प्रथमदृष्टया लिप्त माना गया। ऐसे में उन्हें गिरफ्तार करके जेल भेजा गया। 48 घंटे से ज्यादा पुलिस/न्यायिक अभिरक्षा में रहने से राज्य सरकार ने आईएएस इंद्रसिंह को निलंबित करने का निर्णय लिया। फिलहाल, राव 24 दिसंबर से कोटा की जेल में बंद है।
9 दिसंबर को कलेक्टर के पीए को रिश्वत लेते पकड़ा था, फिर 23 को राव गिरफ्तार
कोटा एसीबी की टीम ने 9 दिसंबर को पेट्रोल पंप की NOC जारी करने के एवज में 1.40 लाख रुपए की रिश्वत लेते तत्कालीन बारां कलेक्टर के पीए महावीर प्रसाद नागर को रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। एसीबी की पूछताछ में महावीर ने रिश्वत कलेक्टर इंद्रसिंह राव के कहने पर लेना बताया था।
तब एसीबी ने इंद्रसिंह राव के खिलाफ भी केस दर्ज किया था। इसके बाद 23 दिसम्बर को एसीबी ने जयपुर मुख्यालय में पूछताछ के बाद इंद्र सिंह राव को गिरफ्तार किया। उन्हें कोटा में एसीबी कोर्ट में पेश किया गया था। जहां कोर्ट ने इंद्र सिंह को 6 जनवरी तक जेल भेजने के आदेश दिए थे। इंद्रसिंह राव ने 25 दिसंबर 2018 में बारां में ज्वाइनिंग की थी। 25 दिसंबर को कलेक्टर का दो साल का कार्यकाल पूरा होना था।
31 साल की नौकरी में 6 बार एपीओ और एक बार सस्पेंड हो चुके राव
इंद्र सिंह राव (58) मूलत: राजस्थान प्रशासनिक सेवा 1989 बैच के अफसर हैं। 31 साल के कार्यकाल में राव अब तक 6 बार अलग-अलग कारणों से एपीओ किए जा चुके हैं। इसमें करप्शन के भी मामले हैं। एक बार उन्हें सस्पेंड भी किया जा चुका है। 4 साल पहले ही उन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवा में प्रमोट किया गया था। उसके तुरंत बाद उन्हें राजस्व मंडल में भाजपा सरकार ने लगा दिया था। राव 1999 में पहली बार एपीओ किए गए। फिर 2004, 2005, 2008, 2011 और अब 2020 में छठी बार एपीओ किए गए। बतौर कलेक्टर बारां में उनकी पहली पोस्टिंग थी। इससे पहले कलेक्टर रेवन्यू बोर्ड अजमेर में सदस्य थे।