गुना जिले के मधुसूदनगढ़ थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम गोचा आमल्या में मंगलवार को उस वक्त तनाव की स्थिति बन गई, जब ग्रामीणों ने पुलिस की कार्यप्रणाली से नाराज होकर प्रमुख मार्ग पर चक्काजाम कर दिया। विरोध प्रदर्शन शीतल पुर निवासी नारायण परिहार की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के बाद शुरू हुआ।
बताया जा रहा है कि चार दिन पहले नारायण परिहार के लापता होने के बाद उनके परिजनों ने जामनेर थाने पहुंचकर गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। लेकिन मंगलवार सुबह नारायण का शव गोचा आमल्या स्थित एक कुएं में संदिग्ध अवस्था में बरामद हो गया। इसकी सूचना मिलते ही मृतक के परिजनों और बड़ी संख्या में ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने पुलिस पर गुमशुदगी की रिपोर्ट के बाद गंभीरता से कार्रवाई न करने का आरोप लगाते हुए गोचा आमल्या पर चक्काजाम कर दिया।
मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन गुस्साए परिजनों ने पुलिस की एक नहीं सुनी। स्थिति तब और बिगड़ गई, जब नाराज भीड़ ने पुलिसकर्मियों के साथ हाथापाई कर दी। मृतक नारायण के परिजनों का मुख्य आरोप है कि जामनेर पुलिस ने गुमशुदगी की रिपोर्ट के बावजूद मामले की सुनवाई और तलाश में निष्क्रियता बरती।
इसके साथ ही, मृतक के परिजनों ने कंजर समाज के लोगों पर नारायण की हत्या करने और शव को कुएं में फेंकने का गंभीर आरोप भी लगाया है। ग्रामीणों के लगातार विरोध और पुलिस पर हमले की घटना के बाद, क्षेत्र में तनाव बना हुआ है।
घटनाक्रम को लेकर जिले के पुलिस कप्तान अंकित सोनी ने स्पष्ट किया है कि युवक का शव मिलने के मामले में जांच शुरु हो गई है, जिन्होंने इस कृत्य को अंजाम दिया है, उनके खिलाफ कानून के मुताबिक सख्त कार्रवाई हो गई। जबकि घटनाक्रम की आड़ में कानून व्यवस्था हाथ में लेकर चक्काजाम करने और माहौल खराब करने वालों को भी नहीं बख्शा जाएगा।