मध्य प्रदेश के खंडवा में न्यायालय ने बड़ा फैसला सुनाया है, मात्र सात माह में नृशंस हत्या करने वाले आरोपी को मृत्यु दंड की सजा सुनाई है। पूरे मामले में बोरगांव चौकी प्रभारी व डीएनए रिपोर्ट की भूमिका अहम रही है।
मीडिया सेल प्रभारी हरिप्रसाद बांके एडीपीओ ने बताया गया कि, 12 दिसंबर पंधाना थाना क्षेत्र के छनेरा में आरोपी चंपालाल उर्फ नंदू ने अपने पड़ोस में रहने वाले रामनाथ पर जादू टोने की शंका में कुल्हाड़ी से वार कर गर्दन शरीर से अलग कर दी थी। घटना देख मृतक रामनाथ पत्नी ने शोर मचाया तभी आसपास के लोग मृतक के घर पास पहुंचे थे, लेकिन आरोपी नंदू कुल्हाड़ी लेकर लाश के पास खड़ा रहा और चिल्लाता रहा कि कोई पास में आएगा तो उसे भी कुल्हाड़ी से काट दूंगा। डर के कारण घर के कारण उसके पास कोई नहीं गया। इसकी सूचना पुलिस को दी तो पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और आरोपी को गिरफ्तार कर उसके हाथ से कुल्हाड़ी जब्त की गई ।
एसआई रामप्रकाश यादव ने मृतक का सिर एवं धड़ अलग-अलग बरामद किए थे। मृतक की पत्नी की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया गया। न्यायालय ने डीएनए रिपोर्ट एवं घटना स्थल पर पुलिस की उपस्थिति को अहम साक्ष्य माना। लिहाजा अब कोर्ट ने चंपालाल उर्फ नंदू को मौत की सजा सुनाई है।