आज दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों (दिल्ली-एनसीआर) में अचानक तेज बारिश और आंधी-तूफान आया। इस वजह से कई जगह पेड़ जड़ से उखड़ गए। सड़कों पर भारी मात्रा में पानी भर गया, जिससे कई गाड़ियां खराब हो गईं और लंबा जाम लग गया।
आईटीओ और मयूर विहार में जाम
आईटीओ के पास विकास मार्ग पर गाड़ियों की लंबी कतारें लग गईं, जिससे लोगों को बहुत परेशानी हुई। इसी तरह मयूर विहार फेज-2 में डीटीसी डिपो के पास एनएच-24 हाईवे पर भी पानी भर गया, जिससे वाहन चलाने वालों को दिक्कत हुई।
मुख्यमंत्री ने किया जलभराव वाले इलाके का दौरा
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आज मजनू का टीला इलाके में जाकर जलभराव की स्थिति का जायजा लिया। उनके साथ विभाग के बड़े अधिकारी भी मौजूद थे।
बारिश ने खोली सरकारी तैयारियों की पोल
दिल्ली में मानसून के दौरान होने वाले जलभराव को लेकर पहले से ही चिंता जताई जा रही थी और आज की बारिश ने उन आशंकाओं को सच साबित कर दिया। मानसून से पहले हुई इस तेज बारिश ने लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) जैसी सरकारी एजेंसियों की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ये एजेंसियां पहले दावा कर रही थीं कि इस बार जलभराव नहीं होगा।
मानसून से पहले ही हालात खराब
मानसून आने में अभी दो महीने बाकी हैं, लेकिन इतनी जल्दी हुई बारिश ने ही दिल्ली के कई इलाकों में भयानक जलभराव कर दिया। किशनगंज अंडरपास में तो एमसीडी की बसें डूबने जैसी स्थिति में पहुँच गईं और कई दूसरी सड़कों पर भी पानी भर गया।
मंत्री ने किया मिंटो ब्रिज का निरीक्षण
लोक निर्माण मंत्री प्रवेश वर्मा ने बारिश के दौरान मिंटो ब्रिज अंडरपास का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि चारों पंप ठीक से काम कर रहे थे और ऑपरेटर भी अलर्ट थे। हालांकि, वहां एक पाइप फट गया था और सीवर के मेनहोल से भी पानी तेजी से अंडरपास में आ रहा था, जिसे पंप से निकाला गया।
सात से ज्यादा संवेदनशील जगहें
दिल्ली में सात से ज्यादा ऐसी जगहें हैं, जहाँ हर साल जलभराव होता है और रास्ते बंद हो जाते हैं। पुल प्रहलादपुर में तो इतनी पानी भर जाता है कि नाव चलानी पड़ती है, बसें डूब जाती हैं और लोगों की जान भी जा चुकी है। पिछले सालों में मिंटो ब्रिज के नीचे भी बसें डूबी हैं और एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। इसके अलावा रिंग रोड पर डब्ल्यूएचओ बिल्डिंग के सामने पानी भरने से राजघाट से आश्रम की ओर आने-जाने वाली दोनों सड़कों पर भयंकर जाम लगता है। पिछले साल आईटीओ विकास मार्ग पर भी बहुत जलभराव हुआ था, जिसका एक कारण यमुना नदी से पानी का दिल्ली में आना भी था। इसी तरह लोनी रोड गोल चक्कर, जखीरा अंडरपास, आजादपुर अंडरपास, साकेत मेट्रो स्टेशन और आश्रम फ्लाईओवर के नीचे वाले हिस्से ऐसी जगहें हैं, जहाँ हर साल जलभराव होता है। अब सवाल यह उठ रहा है कि अगर मानसून से पहले की इस बारिश में दिल्ली का यह हाल है, तो मानसून के दौरान क्या स्थिति होगी?