देशभर में साइबर ठगी के मामलों को लेकर चर्चाओं में रहने वाले डीग मेवात के ठग अब ऑपरेशन एंटीवायरस अभियान से खौफ खाकर स्वयं ठगी के उपयोग में लिए जाने वाले फोनो को तोड़कर आग के हवाले करते हुए दिखाई दे रहे हैं और एक संदेश दे रहे है कि अब हम साइबर ठगी जैसे धंधों से दूर रहेंगे। कुछ दिन पूर्व इसी गांव पालड़ी में एक पंचायत हुई थी, जिसमें साइबर ठगी रोकथाम को लेकर कठोर निर्णय लिए गए थे। साथ में गांव में साइबर ठगी करता पाया गया तो उसके ऊपर 2 लाख रुपए का जुर्माना रखा गया था।
आपको बता दें कि साइबर ठगी के मामलों में डीग मेवात जामताड़ा के बाद पूरे देश भर में चर्चाओं में आ गया था। जहां आए दिन कई राज्यों की पुलिस साइबर ठगों को पकड़ने के लिए डेरा डाले रहती थी। लेकिन राजस्थान प्रदेश के डीग मेवात में बढ़ते साइबर फ्रॉड को देखते हुए राजस्थान पुलिस ऑफिसर आईजी राहुल प्रकाश और एसपी राजेश कुमार मीणा ने साइबर ठगों के खिलाफ एक ऑपरेशन एंटीवायरस अभियान चलाया। जिसके तहत साइबर ठगों को पकड़ने के लिए स्पेशल पुलिस टीम गठित की गई और मेवात के सभी पुलिस थानों को साइबर ठगों के खिलाफ कार्यवाही करने के सख्त निर्देश जारी किए गए।
इसके बाद राजस्थान पुलिस ने मेवात के साइबर ठगों के खिलाफ कार्यवाही चालू की और लागतार कार्यवाही करने बाद अभी तक 10 माह के अन्दर 1380 के करीब साइबर ठगों को डीग पुलिस सलाखों के पीछे डाल चुकी है। आईजी राहुल प्रकाश के अनुसार डीग मेवात में पूर्व में देश के 18% के करीब साइबर ठगी का काम होता था। मगर जब से ऑपरेशन एंटीवायरस अभियान चलाया गया है, तब से अब तक डीग में 6% के करीब साइबर ठगी का काम रह गया है। डीग जिले की पुलिस ने कार्रवाई करते हुए साइबर ठगो को सलाखों के पीछे डालने का काम किया है।
अब राजस्थान पुलिस मुख्यालय की तरफ से 2 जनवरी से 31 जनवरी तक ऑपरेशन साइबर शील्ड अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत साइबर ठगों के जितने भी ब्लॉक हॉट स्पॉट ठिकाने है, उनको चिन्हित करके साइबर ठगों को पकड़ा जाएगा और क्षेत्र के अंदर जितने भी संदिग्ध सिम चल रही है उनको ट्रेस करके बंद किया जाएगा।