दिल्ली में प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। कोर्ट ने कहा- प्रदूषण कम होने तक दिल्ली में ग्रैप-4 लागू रहेगा। साथ ही एयर क्वालिटी कमीशन से पूछा कि 2 दिन में बताएं दिल्ली में जल्द स्कूल कैसे खुलेंगे।
जस्टिस अभय ओक और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि हमें यह भी स्वीकार करना चाहिए कि सिर्फ तकनीक के इस्तेमाल को बेहतर बनाने से न्याय की गुणवत्ता में सुधार नहीं होगा। हमें समस्या का परमानेंट हल निकालना होगा।अक
जस्टिस ओका: दिल्ली में 113 एंट्री पॉइंट पर चेकिंग का क्या स्टेटस है।
वकील: चेकिंग हो रही थी, लेकिन प्रभावी ढंग से नहीं। कुछ चेक पोस्टों पर हरियाणा आदि से दूसरी तरफ से आने वाले वाहनों को रोका जा रहा था।
जस्टिस ओका: हमें सभी 113 एंट्री पॉइंट पर टीमों के गठन का आदेश दिखाएं।
दिल्ली सरकार के लिए सीनियर एडवोकेट शादान फरासत: तीन से चार अलग-अलग स्तर के कर्मचारी थे। इसमें दिल्ली पुलिस, नगर निगम के कर्मचारी और नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवक शामिल थे।
जस्टिस ओका: क्या ग्रैप IV के क्लॉज 8 में स्कूल-कॉलेज बंद करना अनिवार्य किया गया है?
सरकारी वकील: स्कूलों के लिए हमने इसे अनिवार्य बना दिया है। गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर के अलावा NCR के लिए सभी फिजिकल क्लास बंद कर दी गई हैं।
जस्टिस ओका: अगले दो दिनों में AQI का स्तर फिर देखेंगे, अगर कुछ सुधार होता है तो ग्रैप IV के क्लॉज 5 और 8 को हटाने पर विचार कर सकते हैं।
वकील: दिल्ली में कई बच्चे सख्तियों के कारण स्कूल नहीं जा पा रहे हैं, जिससे उनका शैक्षिक और सामाजिक जीवन प्रभावित हो रहा है। इन बच्चों के पास ऑनलाइन क्लास की सुविधा भी नहीं है।
कोर्ट का ऑर्डर: अब सवाल यह है कि क्या ग्रैप IV के मानदंडों में छूट की आवश्यकता है। जब तक कोर्ट इस बात से संतुष्ट नहीं हो जाता कि AQI में लगातार गिरावट हो रही है। हम ग्रैप 3 या ग्रैप 2 में जाने की अनुमति नहीं दे सकते।
पिछली सुनवाई और कोर्ट के 4 बयान…
22 नवंबर: सरकार ने ट्रकों की एंट्री बैन पर कुछ नहीं किया कोर्ट ने कहा कि हम दिल्ली सरकार की कोशिशों से हम संतुष्ट नहीं हैं। सरकार ने ट्रकों की एंट्री रोकने के लिए भी कुछ नहीं किया है। अदालत ने आगे कहा, ‘113 एंट्री पॉइंट पर सिर्फ 13 CCTV क्यों हैं। केंद्र इन सभी एंट्री पॉइंट्स पर पुलिस तैनात करे। एक लीगल टीम बनाई जाए जो यह देखे कि क्या वाकई में वाहनों की एंट्री पर रोक लगाई जा रही है या नहीं। इसके लिए हम बार एसोसिएशन के युवा वकीलों को तैनात करेंगे।’
18 नवंबर: 12वीं तक के क्लासेस ऑनलाइन करें सुप्रीम कोर्ट ने 12वीं तक के स्कूलों को ऑनलाइन करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि 10वीं तक के स्कूलों को ऑनलाइन कर दिए हैं। 11वीं और 12वीं के बच्चों के फेफड़े अलग है क्या। इसके बेंच ने दिल्ली-NCR रीजन में सरकारों को निर्देश दिया था कि AQI का स्तर नीचे लाने के लिए GRAP स्टेज 3 और स्टेज 4 के सभी जरूरी प्रतिबंधों को लागू किया जाए।
14 नवंबर : खतरनाक हालत में पहुंचने से पहले एहतियाती कदम क्यों नहीं उठाए बेंच ने कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) से पूछा था कि एयर क्वालिटी के सीवियर कैटेगरी में पहुंचने से पहले एहतियाती कदम क्यों नहीं उठाए गए। दरअसल एमिकस क्यूरी ने कहा था- CAQM को स्पष्टीकरण देना चाहिए कि उन्होंने AQI को खराब होने देने से पहले GRAP-3 को क्यों नहीं लागू किया।
11 नवंबर: कोई धर्म प्रदूषण बढ़ाने वाली गतिविधि का समर्थक नहीं, स्वच्छ हवा मौलिक अधिकार दीवाली के दौरान पटाखों पर बैन के आदेश के उल्लंघन पर कहा था कि कोई भी धर्म प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों का समर्थन नहीं करता है। दिल्ली सरकार दो हफ्तों में यह तय करे कि पटाखा बैन को पूरे साल के लिए बढ़ाया जाए या नहीं। कोर्ट ने कहा- स्वच्छ वातावरण में रहना संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत हर नागरिक का मौलिक अधिकार है।
4 नवंबर: कुछ ऐसा करना होगा जिससे अगले साल भी पटाखों पर प्रतिबंध के आदेश का उल्लंघन न हो बेंच ने कहा कि हमें कुछ ऐसे कदम उठाने होंगे, जिससे अगले साल दिवाली के दौरान पटाखों पर प्रतिबंध के आदेशों का उल्लंघन न हो। बेंच ने मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा कि बैन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कैंपस सील करने जैसी सख्त कार्रवाई की जरूरत है।