नई दिल्लीः दिल्ली में गुरुवार को दो अलग-अलग डिजिटल अरेस्ट के मामले सामने आए हैं। इन दोनों मामलों में चार लोगों की गिरफ्तारी हुई है। दिल्ली पुलिस ने बताया कि व्यक्ति ने कथित तौर पर 78 वर्षीय एक व्यक्ति को 32 लाख रुपये हस्तांतरित करने के लिए मजबूर किया था। पुलिस ने बताया कि आरोपी की पहचान नंबूरी अजय कुमार (40) के रूप में हुई है और उसे पश्चिम बंगाल के बैरकपुर से गिरफ्तार किया गया है।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया, “हमें 78 वर्षीय एक व्यक्ति से ऑनलाइन शिकायत मिली थी, जिसमें दावा किया गया था कि पिछले साल 14 अक्टूबर को उन्हें एक कूरियर पार्सल के बारे में एक अज्ञात नंबर से फोन आया था। उन्हें डिजिटल हिरासत में रखा गया था, क्योंकि आरोपी ने उनसे 32 लाख रुपये की ठगी की थी।”
FIR दर्ज करने के बाद पुलिस ने धन के लेन-देन की जांच की, जिससे उन्हें पश्चिम बंगाल में नम्बूरी क्लॉथ एंड प्रोपराइटर के नाम पर पंजीकृत एक खाते का पता चला। अधिकारी ने कहा, “टीम को उस स्थान पर भेजा गया जहां से अजय कुमार को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ के दौरान कुमार ने कमीशन के बदले बैंक खाते बेचने की बात स्वीकार की।”
वहीं, पुलिस ने दूसरे मामले में एक महिला को डिजिटल रूप से हिरासत में लेकर उससे दो लाख रुपये की ठगी करने वाले ‘डिजिटल अरेस्ट गिरोह’ के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आरोपियों की पहचान 31 वर्षीय तासिम अहमद, 29 वर्षीय अमन शर्मा और 48 वर्षीय धर्मेश चंदूलाल सोनी के रूप में हुई है। पुलिस ने बताया कि एक एमएनसी (बहुराष्ट्रीय कंपनी) में ग्राफिक डिजाइनर के तौर पर काम करने वाली महिला से 29 सितंबर को डिजिटल अरेस्ट के जरिए दो लाख रुपये की ठगी की गई।
अधिकारी ने बताया कि महिला की शिकायत के आधार पर एक टीम ने 28 अक्टूबर को कथित धोखाधड़ी के सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया। उनमें से एक (धर्मेश चंदूलाल) नकली आभूषणों के व्यापार में शामिल था और उसे घाटा हो गया था। पुलिस अधिकारी ने कहा कि हमने उनके पास से तीन मोबाइल फोन बरामद किए हैं और आगे की जांच जारी है।”