नशे के बाद अब लोगों को मोबाइल फोन और इंटरनेट की लत लग रही है। बच्चे ही नहीं हर आयु वर्ग के शख्स को यह लत लग चुकी है। बच्चों सहित अन्य आयु वर्ग के लोग रोजाना बिना किसी आवश्यक कार्य के घंटों मोबाइल फोन और इंटरनेट इस्तेमाल कर रहे हैं। जिला अस्पताल की ओपीडी में रोजाना इस तरह के पांच से सात मरीज पहुंच रहे हैं।
मनोचिकित्सकों के अनुसार ओपीडी में आने वाले मरीजों में मोबाइल फोन और इंटरनेट की लत के काफी मरीज शामिल हैं। पहले बच्चों में यह लत अधिक थी लेकिन अब हर आयु के पुरुष व महिलाओं को मोबाइल फोन और इंटरनेट की लत लग चुकी है। उनके पास रोजाना ओपीडी में इस तरह के पांच से सात मरीज आ रहे हैं, जो मोबाइल फोन व इंटरनेट के अधिक इस्तेमाल की लत से ग्रसित हैं।
मोबाइल फोन या इंटरनेट इस्तेमाल करने में गुजरता है दिन
उन्होंने कहा कि व्यक्ति को जिस तरह से नशे की लत होती है, यह भी उसी तरह की लत है। परिवार के सदस्य अगर उस शख्स को मोबाइल फोन या इंटरनेट से दूर करते हैं तो उसमें चिड़चिड़ापन, बैचेनी, घबराहट सहित वही सारे लक्षण नजर आते हैं, जो नशा करने वाले को नशा करने से रोकने पर दिखाई देते हैं। इस तरह के मरीजों में कई बार अवसाद के लक्षण भी देखने को मिलते हैं। इसके प्रभाव भी काफी देखने को मिलते हैं। कई बार पारिवारिक परिस्थितियां ऐसी हो जाती हैं कि घर टूटने की कगार पर आ जाता है। ऐसे मरीजों से समझाइश की जाती है। कई मरीज इस बात को मानते भी हैं कि वे सामान्य से ज्यादा वक्त मोबाइल फोन या इंटरनेट इस्तेमाल करने में गुजारते हैं। वे इसके पीछे उदाहरण भी देते हैं कि अब पारिवारिक पृष्ठभूमि इस तरह की हो चुकी है, कि पहले हम संयुक्त परिवार में रहते थे। अब संयुक्त परिवार नहीं रहा। यह भी सबसे बड़ा कारण है। इससे परिवार का टूटना भी आम बात है।