बीते मंगलवार को विश्वविद्यालय में एबीवीपी के राष्ट्रीय कला मंच की ओर से ज्योतिर्मय 2024 कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम के तहत विश्वविद्यालय के गेट नंबर सात के पास देर शाम रंगोली प्रतियोगिता के अलावा दीये सजाने की स्पर्धा चल रही थी। आरोप है कि छात्रों के एक गुट ने कार्यक्रम का विरोध किया और रंगोली को पैरों से मिटा दिया।
जामिया विश्वविद्यालय के बाहर बुधवार को विरोध कर रहे छात्रों पर पुलिस ने लाठी चार्ज किया। इस दौरान कई छात्रों को पुलिस ने हिरासत में भी लिया। छात्र यहां पर मंगलवार को हुई घटना का विरोध करने और विश्वविद्यालय के अंदर दीपोत्सव मनाने की मांग कर रहे थे।
इस दौरान पुलिस और छात्रों के बीच करीब चार घंटे तक गहमागहमी की स्थिति रही। इसके बाद विश्वविद्यालय के गेट नंबर 13 पर दीपोत्सव मानने की अनुमति दी गई। इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा।
बीते मंगलवार को विश्वविद्यालय में एबीवीपी के राष्ट्रीय कला मंच की ओर से ज्योतिर्मय 2024 कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम के तहत विश्वविद्यालय के गेट नंबर सात के पास देर शाम रंगोली प्रतियोगिता के अलावा दीये सजाने की स्पर्धा चल रही थी।
आरोप है कि छात्रों के एक गुट ने कार्यक्रम का विरोध किया और रंगोली को पैरों से मिटा दिया। इससे दोनों पक्षों में मारपीट की स्थिति बन गई। यह भी आरोप है कि कार्यक्रम का विरोध कर रहे गुट ने फलिस्तीन जिंदाबाद के नारे भी लगाए और कुछ छात्राओं के साथ अभद्रता की। इसका विरोध करने के लिए एबीवीपी की ओर से शाम 4.30 बजे विश्वविद्यालय के गेट नंबर सात के बाहर दीपोत्सव मनाने की बात कही गई। लेकिन गेट के बाहर बाहर तैनात पुलिसकर्मी भीड़ जमा ही नहीं होने दे रही थी।
10 मिनट के लिए दी दिए जलाने की अनुमति
बताया जा रहा है कि एबीवीपी के छात्र जहां दीपोत्सव मनाने पर अड़े थे, वहीं गेट नंबर सात के भीतर दूसरा गुट भी था। बीच-बीच में कई बार अंदर से भी नारेबाजी की गई। विश्वविद्यालय में रात करीब आठ बजे तक कई विभागों में कक्षाएं संचालित होती हैं। टकराव की स्थिति रोकने के लिए पुलिस ने कक्षाएं बंद होने का बाद रात आठ बजे केवल दस मिनट के लिए दीये जलाने की अनुमति दी। इसके बाद विश्वविद्यालय के गेट नंबर 13 दीये प्रज्ज्वलित कर दीपोत्सव मनाया गया।
हिंसा करने वालों पर हो कार्रवाई
विश्वविद्यालय में हुई हिंसा को लेकर एबीवीपी जामिया मिल्लिया इस्लामिया के अध्यक्ष अभिषेक श्रीवास्तव ने मंगलवार रात बयान जारी कर विश्वविद्यालय प्रशासन और दिल्ली पुलिस से हिंसा करने वालों पर कार्रवाई करने की मांग की है। जामिया मिल्लिया इस्लामिया अल्पसंख्यक पुराछात्र एसोसिएशन ने भी इसकी निंदा की है।
वहीं, इस घटना पर जामिया मिलिया इस्लामिया ने एक बयान जारी किया। जिसमें कहा गया कि यह पूरी तरह से प्रायोजित घटना प्रतीत होती है और इसमें कुछ बाहरी तत्वों का हाथ है, जो विश्वविद्यालय के शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। शाम 7:30 बजे तक सब कुछ शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा था, तभी कुछ अज्ञात लोगों ने नारेबाजी शुरू कर दी। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ जामिया नगर पुलिस स्टेशन में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है।
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