नई दिल्लीः दिल्ली पुलिस ने राजधानी के उन विभिन्न बाजारों में सुरक्षा बढ़ा दी है जहां त्योहारी मौसम में खरीदारों की भीड़ रहती है। रोहिणी के प्रशांत विहार इलाके में सीआरपीएफ स्कूल के सामने हुए विस्फोट की घटना के बाद पुलिस ने रेलवे और मेट्रो के कर्मचारियों को अलर्ट रहने के लिए कहा है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। प्रशांत विहार में रविवार सुबह जोरदार विस्फोट से सीआरपीएफ स्कूल की दीवार में दरार आ गई। इस विस्फोट के कारण कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन आस-पास की दुकानों के होर्डिंग्स और घटनास्थल के पास खड़े वाहनों की खिड़कियों के शीशे क्षतिग्रस्त हो गए।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने अपने कर्मचारियों से हर एक रेलवे और मेट्रो स्टेशन पर कड़ी निगरानी रखने के लिए कहा है। किसी तरह की संदिग्ध गतिविधियों की जांच के लिए अतिरिक्त बल की तैनाती की जाएगी।” अधिकारी ने कहा कि रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ), राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) और अन्य हितधारकों के संयुक्त गश्ती टीम तैनात की गई हैं। अधिकारी ने कहा, ‘‘अगर टीम कोई संदिग्ध गतिविधियां देखती हैं तो तुरंत वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित करेंगी।”
एजेंसियां दिवाली से पहले अलर्ट पर रहती हैं
अधिकारी ने कहा कि पैदल और मोटरसाइकिल आधारित, दोनों तरह की गश्त पहले ही बढ़ा दी गई है। उन्होंने कहा कि श्वान दस्तों और बम निरोधक टीमों की मदद से रेल की पटरियों पर तोड़फोड़ रोधी जांच नियमित रूप से की जा रही है। इसके अलावा आसपास के कई शहरों के रेलवे कर्मचारियों को रेलवे स्टेशनों और रेलवे पटरियों के आसपास कड़ी निगरानी करने के लिए कहा गया है। आतंकवादी हमलों के खतरे के कारण आमतौर पर एजेंसियां दिवाली से पहले अलर्ट पर रहती हैं, लेकिन कानून-व्यवस्था बनाए रखने और कड़ी निगरानी रखने के लिए राष्ट्रीय राजधानी और इसके विभिन्न बाजारों में सुरक्षा और बढ़ा दी गई है। पूरे शहर में वर्दी और सिविल ड्रेस में अतिरिक्त पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं और मॉल और बाजारों जैसे भीड़-भाड़ वाले इलाकों में गश्त तेज कर दी गई है। महिला पुलिसकर्मियों की गश्त भी बढ़ा दी गई है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘टीमों द्वारा सीसीटीवी कैमरों की लगातार निगरानी की जा रही है और पीसीआर को किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहने को कहा गया है।” पुलिस सूत्रों ने कहा कि चांदनी चौक, आजादपुर और गाजीपुर सहित प्रमुख बाजार विशेष रूप से पुलिस के रडार पर हैं क्योंकि दिल्ली के बाहर से कई लोग अक्सर वहां आते हैं। एक अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘विशेष रूप से बाजारों, मॉल, महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की गई है। गहन गश्त और अतिरिक्त पिकेट की तैनाती के माध्यम से पुलिस की दृश्यता बढ़ा दी गई है। सभी कर्मचारी किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए हाई अलर्ट पर हैं।”
अधिकारी ने कहा कि अधिकतम पुलिस उपस्थिति के साथ बाजार क्षेत्रों में पैदल गश्त तेज कर दी गई है और जल्द ही वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ टीमें फ्लैग मार्च आयोजित करेंगी। उत्तरी जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि रोहिणी विस्फोट के बाद सदर बाजार में घोषणा करके लोगों को सतर्क रहने के लिए कहा जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने तय किया है कि सदर बाजार में दोपहर 12 बजे से रात 8 बजे तक माल लादने और उतारने का काम नहीं होगा जिससे दिवाली से पहले ना केवल यातायात के लिहाज से मदद मिलेगी, बल्कि पुलिस टीम द्वारा बाजार की जांच भी की जा सकेगी।”
टेलीग्राम पर वीडियो रिलीज, खालिस्तान जिंदाबाद का लगा चिन्ह
विस्फोट के बाद सोशल मीडिया पर एक कथित टेलीग्राम पोस्ट प्रसारित हुआ जिसमें दावा किया गया कि यह विस्फोट कथित तौर पर भारतीय एजेंटों द्वारा खालिस्तान समर्थक अलगाववादियों को ‘निशाना’ बनाने के प्रतिशोध में किया गया था। यह पोस्ट रविवार देर शाम सोशल मीडिया पर सामने आई जिसमें विस्फोट के पीछे खालिस्तान समर्थक अलगाववादियों की संभावित संलिप्तता की ओर इशारा किया गया।
एक पुलिस सूत्र ने कहा, ‘‘पुलिस ने ‘जस्टिस लीग इंडियन’ नाम से ‘ग्रुप’ बनाने वाले व्यक्ति का ब्योरा प्राप्त करने के लिए टेलीग्राम को लिखा है, इस ‘ग्रुप’ में विस्फोट का वीडियो साझा किया गया जिसमें ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ का चिह्न भी शामिल है।” ‘‘जस्टिस लीग इंडिया” के एक टेलीग्राम पोस्ट में लिखा है, ‘‘अगर कायर भारतीय एजेंसी और उनके आका सोचते हैं कि वे हमारी आवाज को दबाने के लिए हमारे सदस्यों को निशाना बनाने के लिए घटिया गुंडों को नियुक्त कर सकते हैं तो वे मूर्खों की दुनिया में रहते हैं। वे कल्पना नहीं कर सकते कि हम उनसे कितने करीब हैं और हम किसी भी समय हमला करने में कितने सक्षम हैं।खालिस्तान जिंदाबाद। जेएलआई।” केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की एक टीम ने सोमवार सुबह घटनास्थल का दौरा किया।
सूत्रों ने कहा कि पुलिस ने एक सीसीटीवी में रिकॉर्ड वीडियो बरामद किया है जिसमें विस्फोट से एक रात पहले सफेद टी-शर्ट में एक संदिग्ध को विस्फोट स्थल पर देखा गया है। उन्होंने बताया कि ऐसा संदेह है कि सीआरपीएफ स्कूल की दीवार के पास एक फुट गहरे गड्ढे में प्लास्टिक बैग में लपेटकर एक ‘इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस’ (आईईडी) छिपाया गया था। दिल्ली पुलिस का विशेष प्रकोष्ठ, अपराध शाखा और स्थानीय पुलिस की टीम मामले की जांच कर रही है। इस मामले में भारतीय न्याय संहिता की धारा 326 (जी) (जन सुरक्षा को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाने वाली शरारत) समेत अन्य प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।