हाल ही में जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव संपन्न हुए हैं, और अब हरियाणा में 5 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इन चुनावों को लेकर तमाम तैयारियां की जा रही हैं। हरियाणा में चुनाव के मद्देनजर, 3 अक्टूबर की शाम 6 बजे से लेकर 5 अक्टूबर की शाम तक सभी शराब की दुकानें बंद रहेंगी। यह कदम चुनावी प्रक्रिया को सुरक्षित और निष्पक्ष बनाने के लिए उठाया गया है। इसके अलावा, 8 अक्टूबर को चुनाव परिणामों की मतगणना होगी, और इस दिन भी शराब की दुकानों को बंद रखा जाएगा। इस प्रकार, चुनावों के दौरान शराब बिक्री पर यह रोक मतदाताओं को अपने मताधिकार का सही ढंग से प्रयोग करने में मदद करेगी।
48 घंटे पहले से शराब की बिक्री पर रोक
चुनाव आयोग के निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन भी सतर्क है, ताकि चुनावी प्रक्रिया में किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो। सभी नागरिकों से अनुरोध है कि वे इस प्रतिबंध का सम्मान करें और चुनाव प्रक्रिया को सुगम बनाने में सहयोग करें। वहीं दिल्ली-एनसीआर के कुछ जिलों में शराब की बिक्री पर प्रभाव पड़ने वाला है। चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार, हरियाणा में मतदान के 48 घंटे पहले से शराब की बिक्री पर रोक लगाई जाएगी।
हरियाणा में शराब बिक्री की समय सीमा
हरियाणा में, शराब की बिक्री 3 अक्टूबर की शाम 6 बजे से शुरू होकर 5 अक्टूबर की शाम 6 बजे तक बंद रहेगी। इसके अलावा, 8 अक्टूबर को मतगणना के दिन भी शराब की दुकानों को बंद रखा जाएगा। इस अवधि के दौरान, मतदान क्षेत्र के भीतर किसी भी स्थान पर शराब बेचना या परोसना प्रतिबंधित रहेगा।
दिल्ली- UP में प्रभाव
हरियाणा चुनाव के चलते, उत्तर प्रदेश के छह जिलों में भी शराब की बिक्री पर असर पड़ेगा। ये जिले हैं:
गौतम बुद्ध नगर
सहारनपुर
शामली
बागपत
अलीगढ़
मथुरा
आबकारी विभाग ने इन जिलों में शराब की दुकानों को 5 और 8 अक्टूबर को बंद रखने का आदेश दिया है। गौतम बुद्ध नगर के जिला आबकारी अधिकारी सुबोध कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि हरियाणा बॉर्डर से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सभी शराब ठेके बंद रहेंगे। वहीं, दिल्ली में हरियाणा बॉर्डर से 100 मीटर की दूरी पर स्थित शराब की दुकानें भी बंद रहेंगी। इस तरह, हरियाणा विधानसभा चुनाव को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से सम्पन्न कराने के लिए शराब बिक्री पर लगाई गई यह रोक महत्वपूर्ण है। इससे मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने में सहज महसूस करेंगे। सभी नागरिकों से अनुरोध है कि वे इस प्रतिबंध का सम्मान करें और चुनाव प्रक्रिया को सुगम बनाने में सहयोग दें।