प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की नॉन स्टॉप 14 रैलियों ने हरियाणा में कांग्रेस को सत्ता की दौड़ से बाहर कर दिया है। दोनों स्टार प्रचारकों की रैलियों के कारण जीटी बेल्ट से लेकर दक्षिण हरियाणा तक भाजपा के उम्मीदवार मजबूत स्थिति में नजर आ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की नॉन स्टॉप रैलियों का ही असर था कि चुनाव से 72 घंटे पहले राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को हरियाणा में डेरा डालने को मजबूर होना पड़ा। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के रोड शो से हरियाणा वोटर्स में यह संदेश जा चुका है कि कांग्रेस के हाथ से 2024 का चुनाव निकल चुका,इसलिए चुनाव के ऐन वक्त पर दिल्ली से राहुल प्रियंका को हरियाणा लाना पड़ा। हरियाणा की राजनीति की नब्ज पर पर पकड़ रखने वाले लोगों का मानना है कि 2014 के लंबे अंतराल के बाद हरियाणा में एक बार फिर मोदी लहर की आहट सुनाई देने लगी है।
अमित शाह की 10 आक्रामक रैलियों ने भाजपा के कार्यकर्ताओं को चार्ज किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुरुक्षेत्र, गोहाना, हिसार और फरीदाबाद में विशाल जन आशीर्वाद रैलियां कर प्रदेश की सभी विधानसभा सीटों के गणित को पलट दिया है। चार जिलों के माध्यम से उन्होंने जीटी रोड बेल्ट, अहीरवाल बेल्ट, जाट लैंड और बांगड़ लैंड में भाजपा प्रत्याशियों को जीत के करीब पहुंचाने में सफलता प्राप्त कर ली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ जुगलबंदी करने वाले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की 10 आक्रामक रैलियों ने हरियाणा भाजपा के 10 साल पुराने किले को और अधिक मजबूत कर दिया है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की मजबूत किलेबंदी के कारण लोहारू, फरीदाबाद, टोहाना, जगाधरी, रेवाड़ी, मुलाना, लाडवा, बादशाहपुर, नांगल चौधरी और इंद्री में कांग्रेस के छत्रप कमजोर नजर आ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के अलावा केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और पीयूष गोयल की रैलियों का असर स्पष्ट तौर पर विधानसभा चुनाव में देखने को मिल रहा है।
भाजपा के आक्रामक चुनाव प्रचार से कांग्रेस पूरी तरह “बैक फुट” पर
भले ही कांग्रेस स्पष्ट बहुमत से सरकार बनाने का दावा कर रही हो लेकिन कांग्रेस नेता भी अंदरखाते आंकलन करने लगे हैं कि हरियाणा की राजनीतिक पिच पर मोदी शाह की धमाकेदार बैटिंग से भाजपा जीत की ओर बढ़ती नजर आ रही है। लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस में जो बुलबुला उठा था वह बुलबुला अब फूटता हुआ नजर आ रहा है। नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने अपनी रैलियों से न केवल राहुल गांधी और कांग्रेस के झूठी गारंटियों को बेनकाब कर दिया है बल्कि हरियाणा के लोगों में भाजपा के प्रति विश्वास को और अधिक मजबूत करने में सफलता भी प्राप्त कर ली है। इन रैलियों का ही नतीजा है कि चुनाव से 2 दिन पहले कांग्रेस पूरी तरह बैक फुट पर आ गई है। लोकसभा चुनाव के बाद अचानक आत्मविश्वास में आई कांग्रेस बुरी तरह घिरती नजर आ रही है। दलितों, आरक्षण और रोजगार के मुद्दे पर कांग्रेस को जवाब देना भारी पड़ रहा है
राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की खटाखट, फटाफट गारंटियों में फंसी कांग्रेस
राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की खटाफट और फटाफट वाली गारंटियां कांग्रेस के लिए गले का फांस बन गई है। राहुल और प्रियंका द्वारा दो साल पहले हिमाचल प्रदेश के चुनाव के दौरान दी गई सभी गारंटियां फेल हो गई। इससे पहले छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस की गारंटियों का भी ऐसा हाल हुआ था। भाजपा सवाल उठा रही है कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने पांच लाख नौकरियां देने का वादा किया था, लेकिन उलट हिमाचल की सुखविन्द्र सुक्खू सरकार ने प्रदेश की आर्थिक हालत का हवाला देकर भर्तियों पर ही रोक लगा दी है। मुख्यमंत्री सुक्खू युवाओं को रोजगार देने के बजाए उनके शादी करने की बात कह रहे है। हिमाचल प्रदेश सरकार कर्मचारियों को वेतन नहीं दे पा रही। पेंशनर्स की पेंशन की अटकी पड़ी है। मुख्यमंत्री और मंत्रियों को भी वेतन के लाले पड़े हुए है। कांग्रेस के नेता लगातार सवालों से बचने का प्रयास कर रहे है। भाजपा का कहना है कि कांग्रेस हरियाणा के युवाओं, महिलाओं और दलितों को ठगने के लिए झूठी गारंटियां दे रहे है।