रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के बीच, रूस ने पूर्वी एशिया में एक नया तनाव पैदा किया है। गुरुवार को रूस ने अपने दो Tu-142 लड़ाकू विमानों को जापान और दक्षिण कोरिया की हवाई सीमाओं में भेजा। ये विमान जापान के वायु रक्षा पहचान क्षेत्र (ADIZ) में दाखिल हुए और जापान के ऊपर चक्कर लगाए। इसके बाद उन्होंने दक्षिण कोरिया की हवाई सीमा में भी प्रवेश किया। इस उकसावे का जवाब देते हुए जापान और दक्षिण कोरिया ने तुरंत अपने लड़ाकू विमान (फाइटर जेट्स) भेजे, जिसके बाद रूसी विमान वापस लौट गए। रूस ने यह कार्रवाई ऐसे समय में की है जब यूक्रेन को अमेरिका और ब्रिटेन से लंबी दूरी की मिसाइलें (ATACMS और स्टॉर्म शैडो) मिलने की संभावना बढ़ रही है।
यूक्रेन लंबे समय से इन मिसाइलों की मांग कर रहा है ताकि वह रूस की भौगोलिक सीमा के अंदर भी हमला कर सके। ब्रिटेन ने कथित तौर पर इसकी अनुमति दे दी है, लेकिन अमेरिका अभी इस पर विचार कर रहा है। रूस ने अमेरिका और पश्चिमी देशों को खुली चेतावनी दी है कि अगर यूक्रेन को इन हथियारों के इस्तेमाल की अनुमति दी गई तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। रूस की इस उकसावे वाली कार्रवाई को अमेरिका और उसके एशियाई सहयोगी देशों (जापान और दक्षिण कोरिया) के लिए एक चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है। ADIZ अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र का एक हिस्सा है, जिसे देशों द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए विमानों की ट्रैकिंग और पहचान करने के उद्देश्य से बनाया जाता है। इस क्षेत्र में अगर कोई अनधिकृत विमान घुसता है तो उस पर नजर रखी जाती है और जवाबी कार्रवाई की जा सकती है।
Tu-142 लड़ाकू विमान की खासियत
रूस का Tu-142 विमान एक लंबी दूरी का समुद्री टोही और पनडुब्बी रोधी लड़ाकू विमान है। इसे विशेष रूप से समुद्र के अंदर छिपी परमाणु पनडुब्बियों की खोज और निगरानी के लिए डिजाइन किया गया है। इसकी उड़ान रेंज 6,500 किलोमीटर तक है, और यह 39,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। यह विमान समुद्र के नीचे मौजूद वस्तुओं जैसे जहाज, ड्रोन, या पनडुब्बियों की पहचान कर सकता है और किसी आपातकालीन स्थिति में आर्कटिक क्षेत्र में भी ऑपरेशन कर सकता है। इस विमान में 11 से 13 क्रू मेंबर सवार हो सकते हैं, और इसकी उड़ान की सामान्य गति 711 किमी प्रति घंटा है।