पश्चिम दिल्ली में एक कार शोरूम पर गोलीबारी में कथित तौर पर शामिल एक शूटर दिल्ली पुलिस की विशेष इकाई के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह मुठभेड़ शाहबाद डेरी इलाके के पास हुई। यह जानकारी अधिकारियों ने शुक्रवार को दी। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हमें जानकारी मिली कि पुर्तगाल में रह रहा गैंगस्टर हिमांशु भाऊ का शार्पशूटर अजय उर्फ गोली बाहरी दिल्ली के खेड़ा खुर्द गांव आएगा। एक टीम बनाई गई और जाल बिछाया गया।”
अधिकारी ने बताया कि गुरूवार रात करीब 11.30 बजे टीम ने अजय को होंडा सिटी कार में रोका। अधिकारी ने कहा, ”उसे रुकने का इशारा किया गया, तभी आरोपी पुलिस टीम पर अंधाधुंध गोलीबारी करने लगा।” उन्होंने बताया कि जवाबी गोलीबारी में उसे गोली लगी और उसे अस्पताल ले जाया गया। पुलिस के अनुसार हरियाणा के रोहतक का मूल निवासी अजय, प्रदेश और दिल्ली में हत्या, हत्या के प्रयास तथा शस्त्र अधिनियम के तहत दर्ज मामलों समेत एक दर्जन वारदात में शामिल था। पुलिस के मुताबिक वह दस मार्च को सोनीपत के मुरथल में एक व्यापारी की हत्या में भी शामिल था। अधिकारी ने कहा, “उसने मुरथल में एक व्यापारी को उसकी कार से खींच लिया था, उसका पीछा किया था और गोली मारकर उसकी हत्या कर दी थी।”
पुलिस के अनुसार अजय ने छह मई को 27 साल के मोहित रिधाऊ के साथ मिलकर तिलक नगर इलाके में पुरानी लक्जरी कार के एक शोरूम पर गोलीबारी की थी। गोलियां कांच के दरवाजों और खिड़कियों पर लगी थीं जिसमें सात लोग घायल हो गए थे। गोलीबारी की घटना के बाद हमलावरों ने मौके पर हाथ से लिखा एक नोट छोड़ा था, जिसमें तीन बदमाशों -भाऊ, नीरज फरीदकोट और नवीन बाली के नाम लिखे थे।
पुलिस ने बताया था कि शोरूम के मालिक को एक अंतरराष्ट्रीय नंबर से कॉल आयी थी और फोन करने वाले ने उनसे रंगदारी के रूप में पांच करोड़ रुपये की मांग की थी। पुलिस के अनुसार बाद में रिधाऊ को कोलकाता से गिरफ्तार कर लिया गया था। बृहस्पतिवार को विशेष प्रकोष्ठ ने नवीन बाली और हिमाशु भाऊ के सक्रिय सदस्य 27 वर्षीय अभिषेक को गिरफ्तार किया।
पुलिस ने कहा कि वह छह मई को हुई गोलीबारी की घटना में भी कथित तौर पर शामिल था। पुलिस ने बताया कि अभिषेक पहले दिल्ली और हरियाणा में हत्या, हत्या के प्रयास, आपराधिक धमकी और शस्त्र अधिनियम के चार मामलों में शामिल था।
पुलिस के अनुसार, जब अभिषेक आया और उसने पुलिस पार्टी को देखा, तो उसने अपनी पिस्तौल निकाल ली और टीम पर गोली चलाने की कोशिश की, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उसे काबू कर लिया और उससे हथियार छीन लिया। अभिषेक अपने पिता की मौत के बाद कुछ अपराधियों के संपर्क में आया और छह मई की गोलीबारी की घटना के बाद उसने आरोपियों को शरण दी थी।