राजस्थान के कोटा में एक हॉस्टल की इमारत में रविवार सुबह भीषण आग लगने से आठ छात्र घायल हो गए। प्रारंभिक जांच के अनुसार आग ‘शॉर्ट सर्किट’ के कारण लगी। पुलिस ने यह जानकारी दी। कोटा नगर निगम के दमकल अधिकारी राकेश व्यास ने बताया कि लक्ष्मण विहार स्थित आदर्श रेजीडेंसी हॉस्टल में हुई इस घटना पर संज्ञान लेते हुए कोटा जिला प्रशासन ने सुरक्षा उपायों का पालन न करने और अग्नि संबंधी अनापत्ति प्रमाण पत्र न होने के कारण हॉस्टल को सील करने के आदेश दिए हैं। व्यास ने कहा कि कोटा-दक्षिण और कोटा-उत्तर में लगभग 2,200 छात्रावासों को अग्नि सुरक्षा संबंधी दिशानिर्देशों का पालन नहीं करने के लिए पहले ही नोटिस दिया जा चुका है, और इन छात्रावासों के खिलाफ जल्दी ही कार्रवाई शुरू की जाएगी।
हॉस्टल के अंदर लगा ट्रांसफर्मर
कोटा शहर की पुलिस अधीक्षक अमृता दुहन ने बताया कि यह घटना कुन्हाड़ी पुलिस थाने क्षेत्र में लैंडमार्क सिटी में सुबह करीब 6.15 बजे हुई। पुलिस ने बताया कि प्रारंभिक जांच के अनुसार पांच मंजिला हॉस्टल के भूतल में लगे बिजली के ट्रांसफार्मर में ‘शॉर्ट सर्किट’ होने के कारण यह आग लगी। उन्होंने बताया कि फॉरेंसिक टीम घटना के सही कारणों का पता लगाने की कोशिश कर रही है। व्यास ने कहा कि यह बेहद खतरनाक है कि हॉस्टल की इमारत के अंदर ट्रांसफर्मर लगा हुआ है। उन्होंने कहा कि अगर आग लगने की यह घटना रात में किसी समय होती तो हादसा भयावह हो सकता था। पुलिस ने बताया कि आठ छात्र इसमें झुलस गए हैं , उनमें से छह लोग मामूली रुप से घायल हुये हैं, जिन्हें महाराव भीम सिंह अस्पताल में उपचार दिया जा रहा है।
पहली मंजिल से कूदने के बाद एक छात्र के पैर में फ्रैक्चर
व्यास ने कहा कि हॉस्टल की इमारत में आग से सुरक्षा के उपाय नहीं किए गए थे और इस बारे में उन्होंने संबंधित विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) नहीं लिया था। पुलिस अधिकारी ने बताया कि दो छात्रों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, उनमें से एक का पैर टूटा है जबकि एक के हाथ,सीने और गर्दन झुलस गये हैं। उन्होंने बताया कि आग से बचने के लिए 14 अन्य लोगों के साथ इमारत की पहली मंजिल से कूदने के बाद एक छात्र के पैर में फ्रैक्चर हो गया, जिसका इलाज एक निजी अस्पताल में किया जा रहा है। हॉस्टल में रहने वाला राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट) का अभ्यर्थी भविष्य डंगेरिया भी इस घटना में घायल हो गया।
भविष्य ने बताया कि सुबह करीब 6.15 बजे तेज आवाज से उसकी नींद खुल गई और जब वह अपने कमरे से बाहर आया तो उसने हर तरफ घना धुआं देखा। उसने कहा कि छात्रों ने पहली मंजिल से कूदने का फैसला किया क्योंकि सीढ़ियां धुएं से भरी हुई थीं और इमारत से बाहर निकलने का कोई अन्य रास्ता नहीं था। पुलिस अधीक्षक दुहान ने कहा कि इमारत में 75 कमरे थे जिनमें से 61 में लोग रहते थे। उन्होंने बताया कि दमकल की गाड़ियां समय पर मौके पर पहुंच गईं और आग को ऊपर की मंजिलों तक फैलने से पहले ही बुझा दिया।
हॉस्टल किया गया सील
कुन्हाड़ी पुलिस थाने के क्षेत्राधिकारी अरविंद भारद्वाज ने कहा सभी छात्रों को इमारत में लगी आग से बचा लिया गया है। उन्होंने कहा कि छात्रों के माता-पिता से संपर्क किया जा रहा है ताकि उन्हें आश्वस्त किया जा सके कि उनके बच्चे सुरक्षित हैं। भारद्वाज ने कहा कि चूंकि अधिकांश छात्र बचाए जाने के दौरान अपने मोबाइल फोन नहीं ला पाए, इसलिए छात्रों और उनके अभिभावकों के लिए एक सहायता केंद्र भी स्थापित किया जा रहा है और मामले की जांच जारी है। उन्होंने बताया कि बच्चों के माता पिता से संपर्क किया जा रहा है। दमकल अधिकारी ने बताया कि कोटा के जिला कलेक्टर के आदेश के बाद अग्नि संबंधी दिशा निर्देशों का पालन नहीं करने के आरोप में हॉस्टल को सील कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि इस बीच दो अन्य छात्रावासों -ज्ञानदीप और पारस जीवनदीप को भी नियमों के उल्लंघन के मामले में रविवार को सील कर दिया गया ।