पानीपत : हरियाणा के पानीपत जिले में होली के दिन नहर में डूबे चाचा ससुर और दामाद के शव चौथे दिन खुबडू झाल से मिल गए है। दोनों के शव फूल कर पानी में ऊपर की ओर आ गए थे। गोताखोरों की मदद से उन्हें बाहर निकाला गया। जिसके बाद दोनों की पहचान की गई। मौके पर जनसेवा दल के सदस्य कपिल मल्होत्रा पहुंचे। जिनकी एंबुलेंस से दोनों के शवों को सिविल अस्पताल लाया गया। जहां उनका पंचनामा भरवाकर शवगृह में रखवा दिया गया।
अगले हफ्ते घर में आनी थी खुशियां
जानकारी देते हुए लेखराम ने बताया कि वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के सहजानपुर का रहने वाला है। पानीपत की गोपाल कॉलोनी में वह पिछले करीब 30 साल से भी ज्यादा समय से रह रहा है। वह तीन बेटों का पिता है। जिसमें सबसे बड़ा बेटा राधेश्याम, मंझला बेटा घनश्याम व सबसे छोटा बेटा श्याम सुंदर है। यहां दो ही कमरों का मकान होने की वजह राधेश्याम (30) उनसे कुछ दूरी पर ही स्थित अलग कमरे पर रहता था। जिसके पास पिछले करीब 15 दिनों से चाचा ससुर विजयवीर रहता था। वह यहीं पर काम करता था। अगले हफ्ते सभी ने छोटे बेटे श्याम सुंदर की सगाई के लिए यूपी जाना था। सबसे पहले राधेश्याम नहर में नहाने गया। हालांकि वह तैरना जानता था। शायद शराब पीने की वजह वह ऊपर नहीं आ सका। उसे बचाने के लिए चाचा ससुर कूदा तो वह भी डूब गया। दोनों डूबते हुए को भीम निवासी हमीरपुर जिला फर्रुखाबाद, यूपी और रमेश कुमार बचाने उतरे तो वह भी डूबने लगे। अभी दोनों किनारे पर ही थे, इसलिए समय रहते वहां के स्थानीय लोगों ने इन दोनों को बचा लिया। जबकि वे दोनों बह गए थे। राधेश्याम एक बेटा व 2 बेटियों का पिता है। जबकि विजयवीर 2 बेटों और एक बेटी का पिता है।