बरेली जिले की एक अदालत ने सुरेश शर्मा नगर में 10 साल पहले घर में घुसकर डकैती के दौरान आयकर विभाग के निरीक्षक की मां, भाई और भाभी की हत्या करने के मामले में बृहस्पतिवार को नौ अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए उनमें से आठ को फांसी तथा एक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) दिगम्बर पटेल ने बताया कि विशेष जज (त्वरित अदालत) रवि कुमार दिवाकर ने छैमार हसीन गैंग के नौ लोगों को दोषी मानते हुए उनमें से आठ को फांसी तथा एक को उम्रकैद की सजा सुनायी है।
पटेल के मुताबिक आयकर विभाग के निरीक्षक रविकान्त मिश्रा ने बारादरी थाने में मुकदमा दर्ज कराया था कि 21 अप्रैल 2014 को वह अपने घर से अपने तैनाती स्थल के लिये रवाना हुए थे और दो दिन बाद जब उन्होंने अपने परिजन से सम्पर्क करने की कोशिश की तब उनकी उनसे बात नहीं हो सकी। मिश्रा का कहना था कि अनहोनी का शक होने पर वह यहां अपने घर पहुंचे तो उन्होंने पाया कि दरवाजा अंदर से बंद था, गलियारे की खिड़की खुली थी और उसकी ग्रिल भी निकली हुई थी।
पटेल ने बताया कि मुकदमे के मुताबिक छत का दरवाजा खुला था तथा मिश्रा ने जब पास के एक निर्माणाधीन मकान की छत से अपने घर के अंदर जाकर देखा तो उनकी मां पुष्पा (70) का शव सीढ़ियों के पास पड़ा था, जबकि बेडरूम में उसके भाई योगेश और भाभी प्रिया के शव पड़े थे। घर का सारा सामान बिखरा हुआ था। पटेल ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में अज्ञात बदमाशों के विरुद्ध डकैती, हत्या और आपराधिक षडयंत्र के आरोपों में रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना शुरू की थी।