गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर वीरता और सेवा पदक की विभिन्न श्रेणियों में 1,000 से अधिक पुलिस कर्मियों को सम्मानित किया गया है। इसमें 277 वीरता पदक शामिल हैं। बृहस्पतिवार को एक सरकारी बयान में यह जानकारी दी गई। केंद्रीय गृह मंत्रालय के बयान के अनुसार हाल में पदकों की समीक्षा के बाद गणतंत्र दिवस, 2024 के अवसर पर पुलिस, दमकल सेवा, होम गार्ड और नागरिक सुरक्षा एवं सुधारात्मक सेवा के कुल 1,132 कर्मियों को वीरता और सेवा पदक से सम्मानित किया गया है।
कुल 16 वीरता और सेवा पदकों को मिलाकर अब चार श्रेणियों में कर दिया गया है। इन पदकों को अब वीरता के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएमजी), वीरता के लिए पदक (जीएम), विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम) और सराहनीय सेवा के लिए पदक (एमएसएम) के रूप में वर्गीकृत किया गया है। बयान में कहा गया है कि 277 वीरता पुरस्कारों में से 119 वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में तैनात कर्मियों को और 133 जम्मू-कश्मीर क्षेत्र के कर्मियों को दिए गए हैं।
शीर्ष श्रेणी का पीएमजी पदक सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दो कर्मियों को ‘‘कांगो गणराज्य (एमओएनयूएससीओ) में संयुक्त राष्ट्र मिशन के तहत शांति स्थापना के प्रतिष्ठित कार्य में उत्कृष्ट योगदान के लिए मरणोपरांत प्रदान किया गया है। दोनों बुटेम्बो में मोरक्कन रैपिड डिप्लॉयमेंट बटालियन (एमओआरडीबी) शिविर में बीएसएफ की 15वीं कांगो टुकड़ी का हिस्सा थे।” जुलाई, 2022 में कांगो में कार्रवाई के दौरान बीएसएफ के हेड कांस्टेबल सांवला राम विश्नोई और शिशु पाल सिंह शहीद हो गए थे।
इस राज्य को मिले सबसे ज्यादा पदक
बयान में कहा गया है कि पीएमजी और जीएम पदक क्रमशः ‘‘वीरता के दुर्लभ विशिष्ट कार्य” और ‘‘वीरता के विशिष्ट कार्य” के आधार पर प्रदान किए जाते हैं। सबसे अधिक 72 वीरता पदक जम्मू-कश्मीर पुलिस कर्मियों को मिले। उसके बाद केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों को 65, महाराष्ट्र से 18, छत्तीसगढ़ से 26, झारखंड से 23, ओडिशा से 15, दिल्ली पुलिस से आठ कर्मियों और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के 21 जवानों को पदक से सम्मानित किया गया है।