दिल्ली के पीतमपुरा अग्निकांड में मारे गए लोगों के परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि घर में लगे स्वचालित दरवाजे आग के दौरान खुद-ब-खुद बंद हो गए थे, जिसकी वजह से लोग अंदर फंस गए। पीतमपुरा अग्निकांड में छह लोगों की मौत हो गयी थी। उत्तरपश्चिमी दिल्ली के पीतमपुरा में बृहस्पतिवार रात आठ बजे एक बहुमंजिला रिहायशी इमारत में आग लग गयी थी। ऐसा संदेह है कि आग रूम हीटर के कारण लगी हालांकि सटीक कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है।
मृतक राकेश गुप्ता के संबंधी सुनील अग्रवाल ने आरोप लगाया, ”इमारत में कुल चार मंजिल थी और सभी मंजिलों पर स्वचालित दरवाजे लगे हुए थे। घटना की वजह से दरवाजों की तारों में आग लग गयी, जिसके बाद दरवाजे खराब हो गए। मंजिल पर सभी लोग अंदर फंस गये और दम घुटने से उनकी मौत हो गयी।” अग्रवाल ने कहा कि उन्हें अगले दिन सुबह छह बजे के करीब उनके परिवार के सदस्यों की मौत की सूचना मिली, जिसके बाद वह और राकेश के भाई राजेश गुप्ता आंबेडकर अस्पताल पहुंचे।
उन्होंने कहा कि राकेश का बेटा साहिल घर के बाहर ही था कि तभी उसने अपने घर में धुंआ देखा। वह घर की ओर दौड़ा लेकिन भीतर से दरवाजा बंद होने के कारण वह अंदर नहीं जा सका। अग्रवाल ने कहा कि फ्लैट पर बहुत ज्यादा धुआं होने के कारण साहिल को वहां से निकालना पड़ा। उसे अस्पताल भेजा गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। इस घटना में चार महिलाओं समेत तीन परिवारों के छह लोगों की मौत हुई थी। मृतकों में घर की रसोइया संतोष (25) शामिल