पटना: जदयू के पूर्व अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ‘ललन’ ने शनिवार को उन मीडिया संगठनों के खिलाफ मुकदमा करने का संकल्प लिया जिन्होंने ऐसी खबरें दी थीं कि उन्होंने बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं राजद नेता तेजस्वी यादव के पक्ष में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ विद्रोह की साजिश रची है।
ललन ने इस आशय का एक बयान ऐसे समय जारी किया, जब एक दिन पहले ही उन्होंने जनता दल यूनाइटेड (जदयू) अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के साथ ही नीतीश कुमार को राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद संभालने का प्रस्ताव रखा जिसे सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया। कड़े शब्दों में दिए गए बयान में आरोप लगाया गया है कि “एक प्रमुख समाचार पत्र और कुछ समाचार चैनल” की खबर ‘‘पूरी तरह से भ्रामक, झूठी और मेरी प्रतिष्ठा को धूमिल करने के उद्देश्य वाली” थी। उन्होंने कहा कि इन खबरों में किए गए दावे के विपरीत कि 20 दिसंबर को उन्होंने बिहार के एक मंत्री के आवास पर जदयू के कुछ विधायकों की बैठक में हिस्सा लिया था, “मैं माननीय मुख्यमंत्री के साथ ‘इंडिया’ गठबंधन की बैठक में भाग लेने के लिए दिल्ली में था।। मैंने बाद में शाम को उनके दिल्ली आवास पर पार्टी सांसदों की एक बैठक में भी हिस्सा लिया।”
नीतीश कुमार के नेतृत्व में मजबूती से खड़ा है जदयू”
ललन की नीतीश कुमार के साथ मित्रता यहां के राजनीतिक हलकों में जगजाहिर है। ललन ने आरोप लगाया कि खबरों के जरिए ‘‘मेरी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने और पिछले 37 वर्षों में विकसित हुए हमारे संबंधों पर सवालिया निशान खड़ा करने” की कोशिश की गई है। मुंगेर से सांसद ललन ने दावा किया, ‘‘सच्चाई यह है कि मैंने अपना इस्तीफा केवल अपने लोकसभा क्षेत्र में अपनी व्यस्तताओं के कारण दिया था।” उन्होंने कहा, ‘‘जद(यू) नीतीश कुमार के नेतृत्व में मजबूती से खड़ा है और हमारे सभी आलोचक धूल चाटेंगे।” उन्होंने कहा कि दिल्ली से लौटने पर, जहां जदयू ने शुक्रवार को अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठकें कीं, “मैं ऐसे सभी मीडिया घरानों को कानूनी नोटिस भेजूंगा और इनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करूंगा।”