उदयपुर। लेकसिटी के नाम से प्रसिद्ध उदयपुर घूमने आए गुजरात मूल के अमेरिकन चिकित्सक डॉ संजय पटेल की हत्या केवल आठ हजार रुपये के लिए कर दी गई। दरअसल, उन्होंने आठ हजार रुपये में एक कॉर्लगर्ल बुक की थी, लेकिन दलालों को जब उनके एनआरआई होने का पता चला तो वह पैसे लेकर कार से भागने लगे।
20 मीटर तक घिसटते रहे डॉक्टर
इस बीच डॉ संजय पटेल कार की खिड़की से लटक गए। करीब 20 मीटर तक कार से घिसटने के बाद वह सिर के बल बिजली के खंभे से टकरा गए। मामले का पता जब उनके मित्रों को लगा तो वह होटल से दौड़कर आए और डॉ पटेल को अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। डॉ संजय के मित्र प्रग्नेश पटेल ने गोवर्धनविलास थाने को सूचित कर मामला दर्ज कराया।
डॉ संजय अमेरिका के टेक्सास में अपने परिवार के साथ रहते थे और तीन दिन के लिए उदयपुर में मित्रों के साथ घूमने आए थे। जिस होटल में वह ठहरे थे, उसके सीसीटीवी फुटेज की जांच जब पुलिस ने की तो पता चला कि रात ढाई बजे वह अपने होटल से बाहर निकले थे। वह किसी से फोन पर बात कर रहे थे।
इसी दौरान होटल के बाहर ग्रे-कलर की स्विफ्ट कार आकर रुकी। उसके अंदर बैठे लोगों से उनकी बात हो रही थी, जो कुछ देर बाद बहस में बदल गई। इसके बाद कार तेज रफ्तार से निकली। डा. संजय उस कार के दरवाजे से लटके हुए नजर आए। करीब 20 मीटर दूर घिसटने के बाद वह कार अन्य कार से टकराई और डॉ संजय छिटककर बिजली के खंभे से सिर के बल टकराए।
घटना में शामिल दो आरोपी गिरफ्तार
गोवर्धनविलास थानाधिकारी अजय सिंह राव ने बताया कि हादसे के दो दिन बाद 11 दिसंबर को हितेश उदासी उर्फ राहुल तथा उसके मित्र दिनेश साहू उर्फ लंगड़ा को गिरफ्तार कर लिया गया।
दोनों ने स्वीकारा है कि वह डॉ संजय के लिए उनकी पसंद की कॉलगर्ल लेकर पहुंचे थे। उनके बात करने के तरीके तथा कपड़ों से लगा कि वह एनआरआई हैं और यहां घूमने आए हैं। पैसे मिलते ही वह भागने लगे तो डॉ संजय ने कार के आगे के दरवाजे का विंडो कसकर पकड़ लिया था। वे उन्हें मारना नहीं चाहते थे। केवल उनके रुपए हड़पने की कोशिश में थे। पुलिस ने आरोपितों की कार तथा उनके मोबाइल जब्त कर लिए हैं।