बिहार के गोपालगंज जिले में करीब एक सप्ताह से लापता मंदिर के एक कर्मचारी का शव गांव के बाहरी इलाके में क्षत-विक्षत हालत में मिलने से रविवार को तनाव पैदा हो गया। पुलिस ने यह जानकारी दी। गोपालगंज के पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने बताया कि मृतक मनोज कुमार साह को आखिरी बार सोमवार को दानापुर क्षेत्र के मांझा गांव में मंदिर से बाहर निकलते देखा गया था और शनिवार को उनका शव मिला। उन्होंने कहा, ‘‘अफवाह फैलाई जा रही है कि वह मंदिर के पुजारी थे, जबकि वह मंदिर की देखरेख करते थे और परिसर में ही सोते थे।
स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने आखिरी बार उन्हें सोमवार रात को मंदिर के गेट पर ताला लगाकर बाहर जाते देखा था। पूरी स्थिति जांच के बाद ही स्पष्ट होगी।” जब संवाददाताओं से मृतक के शरीर पर गोली के निशान पाए जाने, आंखें निकालने और गुप्त अंगों पर कटे के निशान होने की खबरों के बारे में पूछा गया तो प्रभात ने बताया, ‘‘इन सवालों पर ध्यान देने से पहले हमें पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए।”
हत्या के संभावित कारणों के बारे में पूछे जाने पर पुलिस अधीक्षक ने कहा कि मंदिर से जुड़ा भूमि विवाद चल रहा था। उन्होंने कहा, ‘‘सभी कोण से मामले की जांच की जा रही है और दोषियों को यथाशीघ्र कानून के कठघरे में लाया जाएगा।” उप अनुमंडल पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) प्रंजाल त्रिपाठी ने कहा कि व्यक्ति की हत्या के खिलाफ ग्रामीणों के एक समूह ने सुबह राजमार्ग पर प्रदर्शन किया। उन्होंने बताया कि जब पुलिस दल मौके पर पहुंचा तो प्रदर्शनकारियों ने उनपर हमला किया और उसके वाहन में तोड़फोड़ की। त्रिपाठी ने कहा, ‘‘लेकिन जल्द ही स्थिति को नियंत्रित कर लिया गया और मामले को लेकर प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस पर हमला करने वालों की पहचान की जा रही है और उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।”
इस बीच, राज्य में विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने नीतीश कुमार सरकार पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि यह हत्या बिहार में ‘‘जंगल राज” का सबूत है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और भाजपा की बिहार इकाई के पूर्व अध्यक्ष नित्यानंद राय ने एक बयान में आरोप लगाया, ‘‘मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से मिले संरक्षण के कारण अपराधी बेखौफ घूम रहे हैं।” उन्होंने कहा कि भाजपा शोक संतप्त परिवार के सदस्यों के साथ खड़ी है और न्याय सुनिश्चित करने के लिए संघर्ष करेगी। राय ने बयान में कहा, ‘‘ बिहार की जनता अगले चुनाव में राज्य सरकार को दंडित करेगी।