मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के नतीजों में भारतीय जनता पार्टी को प्रचंड जीत मिली… जिसके बाद कई सवाल उठने लगे हैं… सवाल कांग्रेस के नेत्तृव पर.. सवाल इंडिया के गठबंधन पर…. सवाल लोकसभा चुनाव के नतीजों पर…. ऐसे कई सवाल है जिसपर अब सोच विचार करने की जरूरत है…. खासकर कांग्रेस को जो आने वाले वक्त में विपक्ष का नेत्तृव करेगी… इंडिया गठबंधन के साथ…हालांकि की पांचों राज्यों में कांग्रेस ने जी तोड मेहनत की है… खासकर मध्य प्रदेश चुनाव में कांग्रेस ने अपना पूरा जोर लगाया था… लेकिन पार्टी जीत नहीं सकी… खबरों की माने तो सपा का मध्य प्रदेश में अलग से चुनाव लड़ना कांग्रेस को काफी खला… दरअसल उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी ने भी मध्य प्रदेश चुनाव में शिरकत की थी… पार्टी ने करीब 70 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे… इंडिया गठबंधन का हिस्सा होने के बावजूद सपा ने कांग्रेस के खिलाफ भी अपने उम्मीदवार उतारे… इसे लेकर कांग्रेस और कमलनाथ का अखिलेश से टकराव भी देखने को मिला था।
जिसके बाद अखिलेश ने लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन में शामिल होने पर विचार करने जैसी बातें कह दी थीं…. लेकिन अब जब मध्य प्रदेश की तस्वीर साफ हो गई है… कांग्रेस की सरकार मध्य प्रदेश में नहीं बन सकी… तो वहीं दूसरी तरफ चुनाव में एक भी सीट न जीतकर भी अखिलेश बाजी हारे नहीं हैं… कांग्रेस ने मध्य प्रदेश चुनाव में अपना पूरा जोर लगा दिया था… अति आत्मविश्वास के चलते पार्टी ने हाल ही में तैयार राष्ट्रव्यापी गठबंधन इंडिया के बारे में भी ख्याल नहीं किया और अखिलेश की मांग के बावजूद सपा को मध्य प्रदेश में एक भी सीट नहीं दी….इसे लेकर अखिलेश ने खुले तौर पर नाराजगी जताई और कहा था कि INDIA गठबंधन अगर राज्य स्तर के चुनावों में लागू नहीं होता है… तो लोकसभा चुनाव में भी इसके साथ रहना है या नहीं, वो इस पर बाद में विचार करेंगे… इसके साथ ही अखिलेश और कांग्रेस के अजय राय खुलकर सामने भी आ गए थे…. इतना ही नहीं कांग्रेस और सपा के नेता और कार्यकर्ता भी आमने-सामने आ गए थे।
बता दें कि 5 राज्यों में चुनाव को लेकर कांग्रेस पूरी तरह से आश्वस्त थी कि मध्य प्रदेश में वो सरकार बनाने वाली है और ऐसे माहौल में वो बाद में अखिलेश को मना लेगी… लेकिन अब दांव उल्टा पड़ चुका है… मध्य प्रदेश चुनाव में एक बार फिर बीजेपी बाजी मारती दिखाई दे रही है… करारी शिकस्त मिलने के बाद आगामी लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी होने वाली हैं… क्योंकि जिस चुनाव के लिए सपा से रिश्ते खराब किए गए थे, उसमें ऐसे प्रदर्शन के बाद सीट बंटवारे को लेकर वो बहुत प्रभावी नहीं रह पाएगी…अखिलेश यादव की पार्टी सपा ने मध्य प्रदेश की करीब 70 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया था… वह कांग्रेस से इंडिया गठबंधन के तहत सीटें मांगते रहे लेकिन कांग्रेस ने उन्हें भाव नहीं दिया…. हालांकि, सपा के सभी उम्मीदवारों में से एक भी जीत नहीं पाई… फिर भी अखिलेश के लिए ये चुनाव परिणाम राहत देने वाला है… अगले साल लोकसभा चुनाव होने वाले हैं… संभव है कि विपक्षी दल इंडिया गठबंधन के बैनर तले चुनाव लड़ें… ऐसे में उत्तर प्रदेश में सीट बंटवारे की स्थिति में कांग्रेस अब ज्यादा मजबूती से दावेदारी नहीं कर पाएगी और अखिलेश यादव यूपी में कांग्रेस की कमजोर सियासी हालत और हालिया चुनाव में उसके प्रदर्शन का हवाला देते हुए उस पर हावी होते नजर आएंगे…. यही कारण है कि इन चुनावों के नतीजों में एक भी सीट न जीतते हुए भी अखिलेश यादव एक दांव जीत ही गए हैं।