वैसे तो पोषक खाद्य पदार्थों के सेवन की सलाह हमेशा ही दी जाती है लेकिन गर्भावस्था के दौरान इसकी महत्ता कई गुना बढ़ जाती है। गर्भवती मां को अपने शिशु की वृद्धि एवं विकास के लिए कई तरह के पोषक तत्वों की जरूरत होती है। गर्भावस्था का समय बेहद महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इसमें मां को स्वयं और अपने पेट में पल रहे बच्चे के लिए जरूरी पोषक तत्व प्रदान करने की जरूरत होती है। इसका यह मतलब नहीं है कि मां को दोगुना खाना चाहिए जो दोनों के लिए पर्याप्त हो। बल्कि यह जरूरी है कि ऐसे भोजन खाने चाहिए जो पोषण और स्वास्थ्य जरूरतें पूरी करते हों। सीके बिड़ला हॉस्पिटल गुरुग्राम में स्त्री रोग एवं प्रसूति विषेशज्ञ डॉ. अरुणा कालरा बता रही हैं कि गर्भावस्था में कौन-कौन से पोषक तत्व लेना आपके लिए लाभदायक है।
सकती है। कैल्शियम की तरह विटामिन डी भी हड्डियों को मजबूत बनाता है। विटामिन डी प्रतिरोधी क्षमता सुधारने और कोशिकाओं को स्वस्थ बनाने में मददगार है। इस वजह से गर्भावस्था में विटामिन डी की कमी बेहद गंभीर समस्या है और इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए। विटामिन डी की कमी से प्रीक्लेम्पशिया को भी बढ़ावा मिल सकता है।
आयरन
मानव शरीर हीमोग्लोबिन बनाने के लिए आयरन का इस्तेमाल करता है। यह रक्त में एक ऐसा छोटा प्रोटीन होता है जो शरीर में सभी टिश्यू तक ऑक्सीजन पहुंचाता है। जब किसी गर्भवती महिला में आयरन की कमी होती है तो उसे इसका पता नहीं चल सकता है क्योंकि इसके लक्षण खास नहीं होते हैं। वह कुछ थकान और सुस्ती महसूस कर सकती है। गर्भावस्था के दौरान शिशु को भी आयरन की आपूर्ति की जरूरत होती है और इसलिए यह रक्त आपूर्ति के जरिये होता है। यदि महिला पर्याप्त आयरन नहीं लेती है तो उसे एनीमिया का खतरा हो जाएगा। आयरन की कमी या एनीमिया होना किसी गर्भवती महिला में होने वाली आम सस्याओं में से एक हैं। एनीमिया से निम्नलिखित खतरे जुड़े हो सकते हैं…
समय पूर्व प्रसव
मातृ और शिशु मृत्यु
शिशु का कम वनज
स्रंक्रामक रोग
इन आहार में पाया जाता है आयरन
लीन रेड मीट
पोल्ट्री
मछली
आयरन युक्त अनाज
फलियां
सब्जियां
जिंक
ज्यादातर लोग गर्भावस्था के दौरान जिंक के महत्व से अवगत नहीं होते हैं। जिंक नवजात शिशु के विकास और स्तनपान के दौरान बेहद महत्वपूर्ण होता है। फोलिक एसिड पर ध्यान इसलिए देना जरूरी है क्योंकि इससे जन्म के समय किसी तरह की गड़बड़ी को रोकने में मदद मिलती है, लेकिन साथ ही जिंक भी समान रूप से महत्वपूर्ण होता है। दरअसल महिला के लिए गर्भावस्था के दौरान जिंक का सेवन बढ़ाने की जरूरत होती है। भ्रूण के विकास के लिए यह बेहद जरूरी है। जिंक की कमी से असमय प्रसव का खतरा बढ़ सकता है।
जिंक के अच्छे स्रोत हैं
मीट
सूखे बींस
मटर
दालें