क्राइम ब्रांच द्वारा महज 10 दिनों के अंदर ही फरियादी की शिकायत पर पलासिया स्थित एक एडवाइजरी कंपनी पर छापेमारी की। क्राइम ब्रांच ने कंपनी संचालन करने वाली गिरोह की महिला सदस्य सहित 10 कंप्यूटर ऑपरेटरों को गिरफ्तार किया है। कॉल सेंटर में काम करने वाले सभी व्यक्ति देश के अलग-अलग हिस्सों में फोन लगाकर रुपए दुगने करने के लालच में एडवाइजरी की आड़ में लोगों से रुपए लगवाते थे और जब खाते में रुपए आ जाते थे तो फोन बंद करके उनके साथ ठगी करते थे। इंदौर क्राइम ब्रांच को कुछ दिनों पहले महाराष्ट्र के रहने वाले एक फरियादी द्वारा शिकायत की गई, क्राइम ब्रांच ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए मास्टरमाइंड महिला को गिरफ्तार किया है।
डीसीपी निमिष अग्रवाल के मुताबिक महाराष्ट्र सांगली का रहने वाले एक फरियादी द्वारा इंदौर क्राइम ब्रांच में 10 दिन पूर्व शिकायती आवेदन दिया गया था जिसमें फरियादी द्वारा इंदौर के रहने वाली एक एडवाइजरी फॉर्म की शिकायत की थी कि उसे कुछ दिनों पहले रुपए दुगने करने का लालच दिया गया और फर्जी एडवाइजरी कंपनी के संचालक द्वारा उसे मनी कंट्रोल नामक एडवाइजरी कंपनी के लिए काम करना बताया फरियादी इस झांसे में आ गया क्योंकि मनी कंट्रोल नामक एडवाइजरी फॉर्म देश की एक बड़ी कंपनियों में से एक है। फरियादी ने 14 लाख रुपए का लोन निकाल कर इस एडवाइजरी कंपनी में पैसा लगा दिया। फरियादी को एडवाइजरी फॉर्म में रुपए लगाते वक्त यह नहीं मालूम था कि उसका लगाया हुआ रुपया डूब जाएगा और उसे अपने ही लगाए हुए रूपयों के लिए भटकना पड़ेगा।
इसके बाद फरियादी ने महाराष्ट्र पुलिस को इस बारे में शिकायत की। जब फरियादी को यह जानकारी लगी कि फर्जी एडवाइजरी कंपनी इंदौर से संचालित हो रही है तो उसने इंदौर क्राइम ब्रांच को भी शिकायत की। पुलिस ने जब इंदौर के पलासिया स्थित एडवाइजरी फर्म पर पुलिस ने छापे मार कार्रवाई की गई तो उसकी मास्टरमाइंड दीक्षा को भी गिरफ्तार कर महाराष्ट्र पुलिस को सौंप दिया गया है। वही जितने भी कंप्यूटर ऑपरेटर क्राइम ब्रांच को एडवाइजरी फर्म में काम करते हुए दिखाई दिए सभी को गिरफ्तार किया है।