नीमच: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव समाप्त हो चुका है, सभी प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में कैद हो चुका है। 3 दिसंबर को स्थिति साफ हो जाएगी कि कांग्रेस या भाजपा दोनों बड़े दलों में से कौन बाजी मारता है। हालांकि इससे पहले कयासों का दौर शुरु हो गया है। ऐसा ही कुछ जावद विधानसभा में देखने को मिल रहा है। बंपर वोटिंग के बाद जावद विधानसभा में कौन किसको पछाड़ेगा अटकलें तेज हो गई है। इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला है जहां भाजपा के बागी निर्दलीय उम्मीदवार पूरण अहीर ने भाजपा के 20 साल से इस सीट पर काबिज मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा की टेंशन बढ़ा दी है। निर्दलीय उम्मीदवार की वजह से भाजपा का खेल बिगाड़ता नजर आ रहा है। भाजपा और भाजपा के निर्दलीय प्रत्याशी के बीच हुए इस मुकाबले में कांग्रेस का फायदा होता दिख रहा है। हालांकि कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा क्योंकि सारी स्थिति 3 दिसंबर को ही साफ हो पाएगी।
निर्दलीय प्रत्याशी से भाजपा को नुकसान हो सकता है ये कहना गलत नहीं होगा क्योंकि इसका प्रमुख कारण भाजपा के परपंरागत वोटों में दो तरफ से सेंध लगी एक तो निर्दलीय उम्मीदवार ने वोट खींचे दूसरी तरफ कांग्रेस के उम्मीदवार समंदर पटेल को उनके ही समाज के भाजपा के परपंरागत वोट भी कांग्रेस के खाते में चले गए जिसके कारण यहां कांग्रेस की स्थिति मजबूत हुई है। जावद विधानसभा से कुल 1 लाख 58 हजार मत डाले गए। इस वोटिंग से यहां का समीकरण दिखने लगा। वहीं दूसरी और भाजपा महिला वोट प्रतिशत बढ़ने से लाडली बहना योजना का फायदा खुद के खाते में जाने का दावा कर रही है। इसी दावे के साथ भाजपाई सीट निकलने का दावा कर रहे हैं, लेकिन यहां महिलाओं का वोट प्रतिशत बढ़ा है लेकिन साथ ही सरकार से नाराज चल रही आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के महिला वोटर का भी वोट शत-प्रतिशत पड़ा है।
इसके अलावा सूत्रों की मानें तो मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा से असंतुष्ट जावद नगर के भाजपा कार्यकर्ताओं की एक बड़ी टीम ने भी भाजपा का बहिष्कार किया और खुले आम कांग्रेस के लिए चुनाव में काम किया, ऐसे में भाजपा को नुकसान होने की अटकलें लग रही है। हालांकि अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा क्योंकि जनता के वोट ईवीएम में कैद हो चुके हैं, 3 दिसंबर को नतीजों के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी कि जावद विधानसभा की सीट पर कौन काबिज होगा।