लखनऊ: मध्य प्रदेश में गैर भाजपाई दलों ने कांग्रेस की नींद खराब कर दी है। सपा, आप एवं बसपा के उम्मीदवारों से मत विभाजन की स्थिति पैदा हो गई है जिसका लाभ भाजपा को मिलता दिख रहा है। कांग्रेस के दिग्गज मत विभाजन को रोकने की जोड़-तोड़ में जुट गए हैं।
गैर भाजपा मतों का विभाजन यदि नहीं रोका गया तो बिगड़ सकता है कांग्रेस का खेल
एक अंदरूनी सर्वे से पता चला है कि मध्य प्रदेश में गैर भाजपा मतों का विभाजन यदि नहीं रोका गया तो कांग्रेस का खेल बिगड़ सकता है। कांग्रेस हाई कमान ने मत विभाजन को रोकने के लिए क्षेत्रीय नेताओं को भी सक्रिय किया है। सूत्रों के मुताबिक भाजपा उम्मीदवारों को पराजित करने वाली सीटों की पहचान की जा रही है ताकि वहां पर कांग्रेस, आम आदमी पार्टी एवं समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों को एक दूसरे के प्रति राजी किया जा सके। उन सीटों की भी पहचान की जा रही है जहां पर भाजपा नंबर वन है।
कांग्रेस ने भाजपा को परास्त करने का बनाया नया प्लान
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के स्टार प्रचारक गुड्ड राजा बुंदेला ने मुख्यमंत्री के उम्मीदवार कमलनाथ से बातचीत की है और उत्तर प्रदेश से लगी हुई बुंदेलखंड, चंबल, ग्वालियर की लगभग 40 सीटों पर आपसी तालमेल के जरिए भाजपा को परास्त करने का फार्मूला तैयार किया है। सूत्रों से यह भी पता चला है कि जब तक कांग्रेस की तरफ से कोई बड़ा नेता दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से आपसी तालमेल की बात नहीं करेगा तब तक यह दोनों नेता मध्य प्रदेश में चुनावी जनसभाएं करते रहेंगे। उल्लेखनीय है कि सपा एवं आप उम्मीदवार, भाजपा से ज्यादा नुकसान कांग्रेस को पहुंचा रहे है। 230 सीटों वाली विस में सपा के 17 एवं आप के 22 उम्मीदवार काफी मजबूत बताए जा रहे हैं।